उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया।
‘पकौड़ा रोजगार’ पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। पीएम मोदी और शाह ने कहा था कि बेरोजगार रहने से अच्छा है पकौड़े बेचे जाएं। न्यूज18 के मुताबिक पुराने लखनऊ के घंटाघर इलाके के कुछ प्रोफेशनल डिग्री धारकों ने एक पकौड़ा स्टॉल लगाया, जहां उन्होंने 10 रुपये प्रति पकौड़े की दर से पकौड़े बेचे।
एमबीए और बीए कर चुके दो युवाओं अजीम और कलीम ने बुधवार को कहा, हमसे दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन हम जैसे युवाओं के लिए कोई नौकरी नहीं है। एेसे में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह युवाओं को रोजी-रोटी कमाने के लिए पकौड़ा बेचने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा, नौकरी देने के बजाय, वह हमें एेसी शर्मनाक सलाह दे रहे हैं।
इस छोटे पकौड़ा स्टॉल को अच्छे दिन पकौड़ा शॉप नाम दिया गया था। इसके साथ एक संदेश भी था-रोजगार देने के लिए धन्यवाद। इतना ही नहीं, पकौड़ों को नाम भी दिए गए थे, जैसे पीएचडी पकौड़ा, इंजीनियर पकौड़ा, एमबीए पकौड़ा, एलएलबी पकौड़ा, आईटीआई पकौड़ा, बीकॉम पकौड़ा और इंटरमीडिएट पकौड़ा। हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर कोई सड़क पर पकौड़ा बेचता है और 200 रुपये घर लेकर जाता है तो उसे बेरोजगार नहीं कहा जा सकता।
यह पकौड़ा स्टॉल लगाने वाले 22 वर्षीय अश्विनी ने कहा कि हमें अपने परिवार को संभालना है, लेकिन नौकरी नहीं है। बिना रोजगार के बिना हम युवा क्या करेंगे? यही कहना था अन्य युवा पुनीत तिवारी का। वह भी अपने दोस्त अजीम और कलीम की पकौड़े बेचने में मदद कर रहे थे। कांग्रेस नेताओं ने भी इसी अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने यूपी विधानसभा के बाहर स्टॉल लगाकर पकौड़े बेचे।
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