नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा माना जा रहा था कि अब इस गठबंधन को लेकर बातचीत पटरी पर दोबारा लाने की कोशिश होगी। लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नए बयान से कुछ और ही संकेत मिल रहे […]
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा माना जा रहा था कि अब इस गठबंधन को लेकर बातचीत पटरी पर दोबारा लाने की कोशिश होगी। लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नए बयान से कुछ और ही संकेत मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में लड़ाई अपने तरीके और पार्टी के फॉर्मूले पर लड़ेंगे। इसके लिए भले ही उनको अकेले क्यों न लड़ना पड़े।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने I.N.D.I.A की जगह PDA यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का जिक्र कर रहे हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए नए समीकरण बना रही है। इसी कड़ी में अखिलेश यादव आगामी आम चुनावों में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक को एक मंच पर लाकर भारतीय जनता पार्टी को मात देने की कोशिश में हैं।
रविवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश यादव ने एक पोस्ट भी किया। अखिलेश ने लिखा कि होगा 24 का चुनाव, PDA का इंक़लाब। अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि I.N.D.I.A. अलायंस में विधानसभा नहीं लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीटों का बंटवारा होगा।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस के रवैये से नाराज चल रहे अखिलेश यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए खास रणनीति बनाई है और अब वह गठबंधन में रहते हुए भी अपने फॉर्मूले पर चल सकते हैं। अखिलेश लोकसभा चुनाव के पहले जातीय समीकरणों को फिट करने में जुटे हैं ताकि चुनाव में उन्हें किसी राजनीतिक दबाव में आकर सीटों को लेकर समझौता न करना पड़े।