UP Elections 2022: चुनाव के बाद जयंत चौधरी को बड़ा झटका, RLD प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने दिया इस्तीफा

UP Elections 2022 लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) के बाद राष्‍ट्रीय लोकदल को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल, RLD के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने अब आरएलडी का दामन छोड़ दिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने पार्टी छोड़ते हुए पार्टी चीफ जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) पर यूपी चुनाव में टिकट बेचने, […]

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UP Elections 2022: चुनाव के बाद जयंत चौधरी को बड़ा झटका, RLD प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने दिया इस्तीफा

Aanchal Pandey

  • March 19, 2022 7:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

UP Elections 2022

लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) के बाद राष्‍ट्रीय लोकदल को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल, RLD के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने अब आरएलडी का दामन छोड़ दिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने पार्टी छोड़ते हुए पार्टी चीफ जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) पर यूपी चुनाव में टिकट बेचने, टिकट देने में मनमानी करने, दलितों और मुसलमानों की उपेक्षा करने का आरोप भी लगाया है.

मसूद अहमद ने लगाए जयंत चौधरी पर आरोप

आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने चिट्ठी लिखकर जयंत चौधरी को इस्तीफ़ा सौंपा है. उन्‍होंने लिखा है कि “मैं 2015-2016 में चौधरी अजीत सिंह के आवाहन पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के मूल्‍यों के साथ जाट और मुस्लिम एकता, किसानों, शोषित और वंचित वर्गाों के अधिकार के लिए आवाज़ उठाने के लिए आरएलडी में शामिल हुआ था. यही नहीं, मैंने तन, मन और धन से पार्टी के प्रति समर्पित होकर काम किया है. इसके बाद 2016-2017 में मुझे पार्टी का यूपी प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया, जिसमें मैंने बुरे से बुरे दौर में भी काम किया, लेकिन मेरी कई बार की चेतावनी के बाद भी चंद्रशेखर आजद (भीम आर्मी चीफ) को अपमानित किया गया, जिससे दलित वोट गठबंधन से छिटककर भाजपा के पक्ष में चले गए और इससे सपा-आरएलडी गठबंधन को नुकसान हुआ.” मसूद अहमद ने जयंत चौधरी पर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया है.

अखिलेश यादव पर भी लगाए आरोप

मसूद अहमद ने आगे लिखा कि जयंत चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव में सुप्रीमो कल्‍चर को अपनाते हुए संगठन और दलितों और वंचितों को ही दरकिनार कर दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के समर्पित पासी और वर्मा नेताओं का उपयोग ही नहीं किया गया, जिससे चुनाव में ये मत छिटक गए. साथ ही उन्‍होंने लिखा कि जौनपुर सदर सीट पर पर्चा भरने के आखिरी दिन तीन-तीन बार टिकट बदले गए, नतीजन एक सीट पर सपा के तीन-तीन कैंडिडेट हो गए जिसके चलते वोट छिटक गए.

 

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