UP Elections 2022: लखनऊ, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा ने एक बार फिर बाज़ी मार ली है. भाजपा (BJP) ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 273 सीटें जीत सत्ता में धमाकेदार वापसी (UP Elections 2022) की है. वहीं, इन चुनावों में बीएसपी महज़ एक […]
लखनऊ, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा ने एक बार फिर बाज़ी मार ली है. भाजपा (BJP) ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 273 सीटें जीत सत्ता में धमाकेदार वापसी (UP Elections 2022) की है. वहीं, इन चुनावों में बीएसपी महज़ एक सीट पर सिमट कर रह गई है, चुनावी नतीजों के आंकड़े बता रहे हैं कि बीएसपी वोट भाजपा और समाजवादी पार्टी में बंट गया, बसपा का मुस्लिम वोट जहाँ सपा को मिला, तो वहीं दलित वोट भाजपा की तरफ आ गया. इसलिए माना जा रहा है कि अब योगी कैबिनेट 2.O में एक दलित उपमुख्यमंत्री हो सकता है.
भाजपा पर अक्सर ही आरोप लगता है कि दलितों के अच्छे खासे वोट मिलने के बावजूद उसने सत्ता में आने पर दलितों को हाशिए पर ही रखा. भाजपा अब इन आरोपों से छुटकारा पाना चाहती है, इसलिए अब सत्ता में एक दलित उपमुख्यमंत्री हो सकता है, चाहे इसके लिए प्रदेश में 2 की जगह 3 उपमुख्यमंत्री ही क्यों न मनाया जाए. योगी के पिछले कैबिनेट में दिनेश शर्मा के रूप में एक ब्राह्मण चेहरा था तो केशव प्रसाद मौर्य के रूप में दूसरा पिछड़े वर्गों का चेहरा था, लेकिन सिराथू से चुनाव हारने के बाद ये तो तय है कि अब केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री नहीं होंगे.
दलित उपमुख्यमंत्री के लिए भाजपा में सबसे ज्यादा चर्चा आगरा ग्रामीणसीट से जीतीं बेबी रानी मौर्य को लेकर है. दरअसल, बेबी रानी मौर्य पहले उत्तराखंड की राज्यपाल थीं, लेकिन उन्हें राज्यपाल पद से इस्तीफा दिलाकर विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया है. बेबी रानी मौर्य दलित समाज से आती हैं, दलितों में भी सबसे बड़े जातीय समूह जाटव से उनका तालुकात है, इसलिए भाजपा बड़ा दांव खेलते हुए बेबी रानी मौर्य को उपमुख्यमंत्री बना सकती है. हालांकि, पार्टी की ओर से अब तक इस बात के कोई संकेत नहीं दिए गए हैं लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि बेबी रानी मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.