UP Election Result: लखनऊ, यूपी विधानसभा चुनाव का परिणाम (UP Election Result) 10 मार्च को सामने आ गया. सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना देर रात तक चलती रही. देश के सबसे बड़े राज्य के चुनावी परिणाम में सबसे ज्यादा सुर्खिया बटोरी सिराथू विधानसभा ने, जहां पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सपा […]
लखनऊ, यूपी विधानसभा चुनाव का परिणाम (UP Election Result) 10 मार्च को सामने आ गया. सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना देर रात तक चलती रही. देश के सबसे बड़े राज्य के चुनावी परिणाम में सबसे ज्यादा सुर्खिया बटोरी सिराथू विधानसभा ने, जहां पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सपा उम्मीदवार पल्लवी पटेल से 7 हजार से भी अधिक मतों से चुनाव हार गए. सिराथू विधानसभा की मतो की गणना देर रात तक चलती रही. इस हाईप्रोफाइल सीट को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का माहौल रहा. मतगणना शुरू होने के बाद पहले राउंड में केशव प्रसाद मौर्य 870 वोटों से पल्लवी पटेल से आगे चल रहे थे लेकिन दूसरे राउंड में पल्लवी ने केशव मौर्य को पछाड़ दिया और मतगणना खत्म होने तक उन्होने मौर्य पर अपनी बढ़त बनाए रखी।
यूपी चुनाव के मतदान के दो हफ्ते पहले ही ये पल्लवी का सिराथू विधानसभा से चुनाव लड़ा तया हुआ था. पल्लवी शुरू में इस सीट से चुनाव लड़ने कौ तैयार नहीं थी लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कहने पर वो सिराथू से चुनाव लड़ने को राजी हो गई. पल्लवी पटेल ने सपा के पक्ष में सिराथू में जमकर चुनाव प्रचार किया और लोगों के बीच गई. उन्होने खुद को कौशांबी की बहू बताकर चुनाव प्रचार किया. जिसका ये नतीजा निकला कि जब मतगणना समाप्त हुई तो वो यूपी के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को चुनावी जंग में मात दे चुकी थी।
बता दे कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को हराने वाली पल्लवी पटेल भाजपा की सहयोगी अनुप्रिया पटेल की सगी बहन है. उनके पिता सोनेवाल पटेल बसपा प्रमुख मायावती के खास और यूपी के कद्दावर नेता थे. सोनेवाल ने अपना दल पार्टी का गठन किया था. 2009 में सोनेवाल पटेल के निधन के बाद अपना दल की कमान उनकी पत्नी कृष्णा पटेल की हाथों में आ गई. इसके बाद 2014 में अनुप्रिया पटेल ने पार्टी से बगावत करते हुए अपना दल (सोनेवाल) नामक एक नई पार्टी की स्थापना कर ली. अनुप्रिया पटेल के बीजेपी के साथ जाने पर अपना दल के दूसरे गुट ने 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया. पल्लवी पटेल अपना दल के दूसरे गुट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही थी।