नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस की नजरें अब लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं। कांग्रेस ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब चुनावी जोर आजमाइश भी शुरू कर दी है। यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा करीब डेढ़ साल से उत्तर प्रदेश नहीं आई […]
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस की नजरें अब लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं। कांग्रेस ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब चुनावी जोर आजमाइश भी शुरू कर दी है। यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा करीब डेढ़ साल से उत्तर प्रदेश नहीं आई हैं। वो प्रदेश के नेताओं से मिल भी नहीं पाई थीं। उनके यूपी का प्रभार छोड़ने की चर्चा भी थी। इस बीच कांग्रेस आलाकमान यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीतिक बैठक करने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में देश की सबसे अधिक 80 लोकसभा सीट है। यहां कांग्रेस पार्टी लंबे समय से अपना खोया जनाधार तलाशने में लगी है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी परंपरागत सीट अमेठी में भी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी सिर्फ एक रायबरेली की सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। इसीलिए इस बार पूरे जोर-जोर से काफी पहले से ही कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है।
बैठक में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा सहित अन्य वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन करेंगे। खास बात यह है कि आगामी 20 दिसंबर से भारत जोड़ो की तर्ज पर यूपी जोड़ो यात्रा भी शुरू होने वाली है। इस मीटिंग में इस पर भी चर्चा होगी। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय तमाम राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी आलाकमान को देंगे।
गठबंधन की सीटों पर हो सकता है निर्णय
खबरों की मानें तो सूबे में दूसरे दलों से गठबंधन और सीट शेयरिंग को लेकर भी विचार विमर्श होगा। 80 सीटों में से कितनी सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी और दूसरी पार्टियों काे कितनी सीटें दी जाएंगी। खबरों की माने तो राज्य में चुनावी तैयारियों के साथ जातीय समीकरणों को लेकर भी चर्चा होगी।