UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश. UP Chunav 2022: विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूचि जारी कर दी है, इस सूचि के तहत सीएम योगी को गोरखपुर शहर से टिकट दिया गया है. इससे पहले सीएम योगी के राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की भूमि मथुरा से चुनाव लड़ने के कयास […]
उत्तर प्रदेश. UP Chunav 2022: विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूचि जारी कर दी है, इस सूचि के तहत सीएम योगी को गोरखपुर शहर से टिकट दिया गया है. इससे पहले सीएम योगी के राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की भूमि मथुरा से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने सीएम को उनके सियासी गढ़ गोरखपुर से चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है.
अपने पांच सालों के कार्यकाल के दौरान 42 बार अयोध्या का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने अयोध्या से टिकट न देकर गोरखपुर शहर से टिकट दिया है. अयोध्या से टिकट न देने के पीछे की सबसे बड़ी वजह वहां चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर लोगों की नाराजगी बताई जा रही है. अयोध्या वासियों के मन में कहीं जमीन अधिग्रहण को लेकर गुस्सा है तो कहीं दुकान खाली कराए जाने को लेकर. ऐसे में, आलाकमान ने योगी आदित्यनाथ को अयोध्या की जगह गोरखपुर शहर से टिकट दिया.
विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले सीएम योगी के मथुरा से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी. भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने तो चिट्ठी लिखकर सीएम से मथुरा से चुनाव लड़ने की गुज़ारिश की थी लेकिन हरनाथ सिंह की चिट्ठी ज्यों की त्यों धरी रह गई और योगी आदित्यनाथ की जगह मथुरा से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को ही प्रत्याशी बना दिया गया है. दरअसल, मथुरा ब्राह्मण बाहुल्य सीट है और यहाँ से कांग्रेस के प्रदीप माथुर चार बार विधायक रहे हैं, लेकिन साल 2017 में श्रीकांत शर्मा ने प्रदीप माथुर को हराकर मथुरा में कमल खिलाया था. इसीलिए इस बार भी श्रीकांत शर्मा को ही मथुरा से टिकट दिया गया है.
योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ने पर राजनीतिक विश्लेषकों को कहना है कि योगी अगर मथुरा या अयोध्या से चुनाव लड़ते तो उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती. सीएम योगी को गोरखपुर से टिकट देकर भाजपा गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटें पक्की करने की फ़िराक में है. सीएम योगी के गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ने का असर गोरखपुर समेत कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया, संतकबीरनगर समेत कई जिलों पर पड़ेगा, जहां 2017 के चुनाव में बीजेपी की आंधी देखने को मिली थी.