नई दिल्ली। तेलंगाना राष्ट्र समिति के 21 वें स्थापना वर्ष के अवसर पर हैदराबाद में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने संबोधित किया, जिसमें उन्होने राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।लगभग 90 मिनट के भाषण में केसीआर ने तेलंगाना से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की और कहा कि मौका आ गया है जब पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर कई प्रस्ताव भी पारित किये गये.
टीआरएस पार्टी ने किसानों का धान खरीदने संबंधी निर्णय पर राज्य सरकार का धन्यवाद किया। केन्द्र सरकार ने तेलंगाना के किसानों का धान खरीदने से मना कर दिया जिसके बाद राज्य सरकार ने किसानों से धान खरीदने का निर्णय किया। टीआरएस ने केन्द्र सरकार द्वारा तेलंगाना के किसानों से धान नहीं खरीदने के केन्द्र के निर्णय की आलोचना की।
टीआरएस द्वारा राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का प्रस्ताव पास किया। यह प्रस्ताव आईटी विभाग के मंत्री केटी रामाराव ने प्रस्तुत किया। पार्टी ने प्रस्ताव में यह तय किया कि राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका अदा करेगी ताकि राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नेतृत्व की कमी को पूरा किया जा सके। टीआरएस पार्टी ने प्रस्ताव पास किया कि जिस प्रकार तेलांगाना राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई व आर्थिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है, पूरे देश में इन सभी क्षेत्रों में पर्याप्त प्रगति संभव है। साथ ही देश को बुलडोजर शासन से मुक्ति दिलाने की जरूरत है।
टीआरएस पार्टी ने प्लेनरी सत्र में प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार से मांग की कि आवश्यक वस्तुओं के मूल्य में हुई भारी बढ़ोत्तरी को कम किया जाए। पार्टी ने केन्द्र सरकार द्वारा भारी महंगाई के बावजूद इस विषय पर तुरंत विचार नहीं करने पर चिंता प्रकट की। प्रस्ताव में कहा गया कि केन्द्र की वर्तमान आर्थिक नीति से आम जनता पर भारी दबाव पड़ रहा है। प्रस्ताव में कहा गया कि तेल के दाम में भारी कमी के बावजूद केन्द्र डीजल व पेट्रोल के मू्ल्य में लगातार बढ़ोत्तरी कर रहा है।
टीआरएस पार्टी ने चौथा प्रस्ताव पास किया कि केन्द्र सरकार बिल पास कर संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करे। साथ ही सभी राज्यों के विधान सभा में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव पास कर इसे केन्द्र सरकार के विचारार्थ भेज दिया।
धार्मिक असहिष्णुता पर चिंता
टीआरएस पार्टी ने देश में बढ़ रहे धार्मिक असहिष्णुता के खिलाफ प्रस्ताव पास किया व राष्ट्रीय अखंडता को सुदृढ़ करने पर जोर दिया।
टीआरएस पार्टी ने प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार से पिछड़ी जाति कल्याण मंत्रालय बनाने का आग्रह किया। साथ ही देश में पिछड़ा वर्ग की अलग जनगणना कराने का आग्रह किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि पिछड़ा वर्ग देश की जनसंख्या का पचास प्रतिशत है, लेकिन उनके लिए किसी सरकार ने अलग जनगणना नहीं कराया है। पिछड़ी जाति के लिए अलग मंत्रालय बनाए जाने से उनकी सभी समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।
टीआरएस पार्टी ने प्रस्ताव पास कर मुसलमानों के लिए वर्तमान चार प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की। साथ ही अनुसूचित जनजाति के लिए दस प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की। इस संबंध में राज्य सरकार ने अप्रैल 2017 में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेज दिया है, लेकिन अब तक केन्द्र सरकार ने इसपर अबतक कोई जवाब नहीं दिया है।
टीआरएस पार्टी ने प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार से कोई भी उपकर नहीं लगाने की मांग की क्योंकि उपकर लगाने से राज्य सरकारों को कर का नुकसान होता है। टीआरएस पार्टी ने आरोप लगाया कि मजबूत केन्द्र सरकार, राज्यों को कमजोर मानकर व्यवहार कर रही है. इससे राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति कमजोर होगी। केन्द्र उपकर लगाती है ताकि राज्य सरकार इस मद से राशि की मांग न कर सकें। टीआरएस पार्टी ने असंवैधानिक तरीके से केन्द्र द्वारा कर वसूलने के इस तरीके का विरोध किया.
टीआरएस पार्टी ने केन्द्र सरकार से कृष्णा नदी के जल में तेलंगाना के हिस्सेदारी संबंधी विषय को तुरंत हल करने की मांग की। पार्टी ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश से विभाजन के बाद जल विवाद को केन्द्र सरकार हल करने में जान बूझ कर देर कर रहा है।
टीआरएस पार्टी ने प्रस्ताव पास कर आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार देश के संघीय प्रणाली को कमजोर कर रहा है। साथ ही राज्य सरकार को उनकी संविधान प्रदत्त शक्तियों से वंचित कर रहा है।
मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने केन्द्र सरकार से तेलंगाना में नवोदय विद्यालय व मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मांग की। टीआरएस पार्टी ने शिक्षण संस्थानों के आवंटन में तेलंगाना के साथ भेद भाव करने का आरोप लगाया।
टीआरएस पार्टी ने प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार से मांग किया कि तेलंगाना राज्य में लागू दलित बंधु कार्यक्रम को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। इस योजन के तहत दलित वर्ग के व्यक्ति को दस लाख रूपए की सहायता राशि दी जाती है जिस पर सौ प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। पार्टी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने दलितों की सहायता के लिए इस प्रकार की विशेष योजना अब तक नहीं लागू किया है।
टीआरएस पार्टी ने अधिवेशन में प्रस्ताव पास किया कि केन्द्र सरकार हैंडलूम उत्पाद पर जीएसटी माफ करे। इसपर जीएसटी लगने से बुनकर वर्ग को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अभी हैंडलूम उत्पाद कर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है।
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