नई दिल्ली. Triple Talaq Bill Debate In Lok Sabha: तीन तलाक बिल एक बार फिर गुरुवार 25 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया. तीन तलाक बिल के पक्ष में 303 वोट और विपक्ष में 83 वोट पड़े. इस तरह लोकसभा ने एक बार फिर तीन तलाक बिल पास कर दिया. वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के संशोधन की मांग खारिज कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल और बीजेपी के सत्ता में रहते पिछले 6 साल में चौथी बार तीन तलाक की विवादित प्रथा और प्रैक्टिस को असंवैधानिक बनाने की दिशा में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया है. गुरुवार सुबह कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश करते हुए तीन तलाक प्रथा को असंवैधानिक बताया और सरकार की तरफ से पक्ष रहा, जिसका मोदी सरकार के सहयोगी यानी एनडीए का हिस्सा रही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू समेत कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने कड़ा विरोध किया.
जेडीयू ने तो तीन तलाक विधेयक के मसले पर सदन से वॉकआउट किया. वहीं लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर जमकर बहस हुई जिसमें रविशंकर प्रसाद, आजम खान, असदुद्दीन ओवैसी, जेडीयू सांसद राजीव रंजन चौधरी समेत कई लोगों ने पक्ष-विपक्ष में अपनी बातें रखीं.
तीन तलाक पर चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दुनिया के 22 देशों में तीन तलाक बैन है और हमारे यहां सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है. प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बेटियों के नाम पर योजना बनाई. कानून मंत्री ने कहा कि तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए चीफ जस्टिस ने भी कानून बनाने की बात कही, क्योंकि तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है. उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दिया गया, इसलिए इसमें कड़ी सजा का प्रावधान हो. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाना हमारा काम है और हम मुस्लिम महिलाओं को इग्नोर नहीं कर सकते.
वहीं तीन तलाक के मसले पर चर्चा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में शादी जन्म-जन्म का रिश्ता नहीं है और इस्लाम में शादी को कॉन्ट्रैक्ट माना जाता है. ओवैसी ने कहा कि देश में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि कानून मंत्री इस्लामिक देशों की मिसाल न दें, क्योंकि इस्लामिक देशों की देखा-देखी से कट्टरवाद बढ़ेगा. एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि तीन तलाक कानून महिलाओं पर जुल्म करने जैसा है. वहीं जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि तीन तलाक बिल समाज के एक खास वर्ग के मन में अविश्वास की भावना पैदा करेगा, इसलिए हड़बड़ी में कोई काम करने की जरूरत नहीं है. कानून बनाकर हम पति-पत्नी के आपसी रिश्ते को तय नहीं कर सकते.
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