नई दिल्ली, साउथ दिल्ली के मेयर की ओर से नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने के ऐलान के बाद इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है. पहले इस फैसले पर AIMIM चीफ ने केंद्र सरकार को घेरा। अब इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Trinamool Congress MP […]
नई दिल्ली, साउथ दिल्ली के मेयर की ओर से नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने के ऐलान के बाद इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है. पहले इस फैसले पर AIMIM चीफ ने केंद्र सरकार को घेरा। अब इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Trinamool Congress MP Mahua Moitra) ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्हीने ट्वीट कर कहा कि- ‘मैं दक्षिण दिल्ली में रहती हूं. संविधान मुझे अनुमति देता है कि मैं जब चाहूं मीट खा सकती हूं और दुकानदार को अपना व्यापार चलाने की आजादी देता है. ”
I live in South Delhi.
The Constitution allows me to eat meat when I like and the shopkeeper the freedom to run his trade.Full stop.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) April 6, 2022
मीट की दुकानों को बंद रखने के सन्दर्भ में SDMC के मेयर ने कमिश्नर को पत्र लिखकर आदेश दिए थे. इस चिठ्ठी में कहा गया कि “11 अप्रैल तक नवरात्रि हैं इस दौरान श्रद्धालु मां दुर्गा की उपासना करते हैं और अपने और परिजनों के लिए मां से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जाते हैं. इन दिनों हिन्दू धर्म के लोग केवल शाकाहारी भोजन करते हैं कुछ लोग प्याज और लहसुन का भी इस्तेमाल नहीं करते. नवरात्रे के दौरान लोग मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन भी नहीं करते है, ऐसे में मंदिरो के आस-पास मीट की दुकान होने से लोग असहज महसूस करते हैं और उनकी धार्मिक भावनाओं और आस्था पर फर्क पड़ता है. इसलिए इस अवधि के लिए मंदिरों के आस-पास मौजूद मीट की दुकानों को बंद किया जाए’
साउथ दिल्ली के मेयर पर तीखीं टिपण्णी करते हुए AIMIM चीफ ने ट्वीट कर कहा कि-
“मोदी बड़े उद्योगपतियों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और वैचारिक गुर्गों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस चाहते हैं. इससे होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मांस अशुद्ध नहीं है, यह लहसुन या प्याज की तरह ही सिर्फ भोजन है. अगर लोग मीट खरीदना नहीं चाहते तो सिर्फ 99% नहीं 100% लोगों के पास मांस नहीं खरीदने का विकल्प है.”