नई दिल्ली: महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का रूप लगाया था। तब से ही महुआ पर सवालिया निशान लगा हुआ है। उनकी पार्टी टीएमसी ने अब तक इस मामले पर कुछ नहीं कहा था। इससे पार्टी से भी सवाल किए जा रहे की वो कुछ फैसला […]
नई दिल्ली: महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का रूप लगाया था। तब से ही महुआ पर सवालिया निशान लगा हुआ है। उनकी पार्टी टीएमसी ने अब तक इस मामले पर कुछ नहीं कहा था। इससे पार्टी से भी सवाल किए जा रहे की वो कुछ फैसला क्यों नहीं ले रही। इस बीच रविवार को इन आरोपों पर टीएमसी ने चुप्पी तोड़ी है और संसद से मामले की उचित जांच की मांग की है। टीएमसी ने कहा है कि जांच के नतीजे सामने आने के बाद ही पार्टी कोई फैसला लेगी।
टीएमसी संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने रविवार को कहा, “हमने इससे संबंधित खबरें देखी हैं। पार्टी नेतृत्व की तरफ से संबंधित सांसद को अपने ऊपर लगे आरोपों पर अपना पक्ष रखने की सलाह दी गई है। हालांकि, वह पहले ही ऐसा कर चुकी हैं।” पार्टी के चुप्पी पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए ब्रायन ने कहा, “चूंकि, यह मामला एक निर्वाचित सांसद, उसके अधिकारों और विशेषाधिकारों से जुड़ा है, इसलिए इस मामले की जांच संसद के उचित मंच द्वारा कराई जाए, जिसके बाद पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा।”
तृणमूल कांग्रेस ने पहले महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद से दूरी बनाए रखने का फैसला किया था। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने शनिवार को कहा था, “पार्टी को इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना है। हमें लगता है कि जिस व्यक्ति के इर्द-गिर्द यह विवाद केंद्रित है, वही इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए सबसे उपयुक्त है।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने रविवार को तृणमूल की चुप्पी पर सवाल उठाया। पूनावाला ने ‘एक्स’ पर कहा, “शायद पार्टी के लोग इसे जानते थे या इसका समर्थन करते थे? टीएमसी को यह बात साफ करनी चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि टीएमसी स्वीकार करती है कि महुआ मोइत्रा ने रिश्वत के बदले में एक प्रतिद्वंद्वी कॉर्पोरेट इकाई द्वारा विदेशी धरती से संचालित होने के लिए अपना लॉग इन देने सहित गंभीर उल्लंघन किए थे?”
इस सप्ताह की शुरुआत में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था की उन्होंने संसद में अडानी ग्रुप के बारे में सवाल करने के लिए दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए हैं। महुआ ने तब इन आरोपों को बेबुनियाद बता खारिज कर दिया और निशिकांत और अनंत पर मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। इसके बाद हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा जारी कर कहा कि महुआ ने प्रधानमंत्री को नीचा दिखाने के लिए अडानी पर सवाल किया था। दर्शन ने ये भी बताया कि इसके लिए महुआ ने दर्शन के साथ अपनी संसद की मेल आईडी भी शेयर की थी।
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