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वाजपेयी के लिए 13 अशुभ होगा, आपके लिए होगा, प्रणब मुखर्जी के लिए बहुत ही शुभ है

हिंदुत्व की विचारधारा रखने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 7 जून को नागपुर में एक कार्यक्रम होने वाला है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल होंगे। कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेता प्रणब द्वारा न्योता स्वीकार किए जाने पर हैरान हैं. लेकिन आप शायद ही जानते हों कि प्रणब मुखर्जी काफी प्रोफेशनल हैं. 13 अंक को हमारे यहां अशुभ माना जाता है लेकिन प्रणब दा इसे शुभ मानते हैं. इस स्टोरी में पढ़िए दुर्गा पूजा के दौरान भक्ति रस में डूबे रहने वाले प्रणब दा और अशुभ माने जाने वाले 13 अंक के बारे में.

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Why number 13 was unlucky for Atal Bihari Vajpayee
  • June 1, 2018 2:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. प्रणब मुखर्जी हमेशा से ही काफी प्रोफेशनल रहे हैं. तमाम नेता जहां तारीखों और शुभ अशुभ का ध्यान रखकर ही राजनीति में बड़े फैसले लेते हैं, वहीं हर साल चार दिन दुर्गा पूजा के भक्तिरस में तन्मयता से डूबने वाले प्रणव दा इस मामले में थोड़ा अलग हैं. यहां तक कि जिस 13 के अंक को पूरी दुनियां अशुभ मानती है, दुनियां भर की कई बिल्डिंग्स में 13 नंबर का फ्लोर या फ्लैट होता ही नहीं प्रणब मुखर्जी जिंदगी भर 13 नंबर के बंगले में रहते आए हैं. उनका ये भी मानना था कि बाहर होगा 13 अंक अशुभ हिंदुओं में तो इसे शुभ माना जाता है, लेकिन लोगों को सही स्थिति की जानकारी ही नहीं है.

जिस तरह हरिवंश राज बच्चन तेरह को अशुभ ना मानकर शुभ मानते थे, प्रणब मुखर्जी भी मानते हैं. बच्चन ने कई तरह की त्रियोदशी हिंदू धर्म में गिनाई थीं, धन तेरस तक धूमधाम से मनाई जाती है. कई त्यौहार त्रयोदशी को ही होते हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की पहली सरकार 13 दिन और दूसरी सरकार 13 महीने चली थी तो उनके लिए भी इसे अशुभ माना जाता है.

प्रणब मुखर्जी तो देश के 13 वें राष्ट्रपति भी थे, 76 साल की उम्र में राष्ट्रपति बने, 7और 6 मिलकर तेरह होता है. यूपीए ने 13 जून को प्रणव मुखर्जी के नाम पर सहमति की मोहर लगाई थी. जब पहली बार वो केन्द्र में मंत्री बने थे, तो उन्हें पूछा गया था कि क्या वो 13, तालकटोरा रोड बंगले को लेने के लिए तैयार हैं? क्योंकि और कोई तैयार नहीं था. लेकिन प्रणब दा ने उसे शुभ माना और उसी में रहने को राजी हो गए.

इतना ही नहीं संसद में जो कक्ष उन्हें आवंटित हुआ था, उसका नंबर भी 13 ही था। ऐसे में जब भी 13 नंबर कोई लेता नहीं था, तो ये मान लिया जाता था कि प्रणव मुखर्जी ले लेंगे क्योंकि 13 नंबर उनके लिए लकी है. दिलचस्प बात ये है कि ऐसे किसी भी मकान या कक्ष के आवंटन में उनके घरवालों ने भी कभी ऐतराज नहीं जताया था. माना जाता है कि उनका विवाह 13 जुलाई 1957 को हुआ था, शायद इसलिए उन्होंने 13 को अशुभ मानना बंद कर दिया था.

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