नई दिल्ली: नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है। PM मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करने वाले है। इसकी खूब चल रही है लेकिन सवाल यह है कि पुराने संसद भवन का क्या होगा। जिस इमारत से कई शाश्वत कानून बने, जिस जगह से इतिहास रचा गया, जहां से एक नया राष्ट्र बनकर तैयार हुआ। नई संसद के बाद उस पुरानी इमारत का क्या होगा? आजाद भारत की पहली संसद से देश के संविधान का उदय हुआ। सरकार का कहना है कि संसद देश की अहम अमानत है और इससे जुड़ी हर बात राष्ट्रीय महत्व का सवाल है।

 

➨ काउंसिल हाउस के नाम से जाना जाता है

पुरानी संसद को काउंसिल हाउस कहा जाता था। इस इमारत में इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ( Imperial Legislative Council) थी। इस संसद को भारतीय लोकतंत्र की आत्मा माना जाता था। पुराने संसद भवन को ब्रिटिश आर्किटेक्टसर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ( Sir Edwin Lutyens and Herbert Baker) ने डिजाइन किया था।

नया संसद भवननया संसद भवन

नया संसद भवन

इस बिल्डिंग को तैयार करने में छह साल का समय लगा था। यह इमारत साल 1927 में बनकर तैयार हुई थी। मौजूदा संसद भवन में 1956 में दो और मंजिलें बनाई गईं। 2006 में, इस इमारत में संसद संग्रहालय भी बनाया गया था, जो देश की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत के 2,500 वर्षों को प्रदर्शित करता है।

 

क्या गिराया जाएगा पुराना संसद भवन?

मार्च 2021 में, केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया कि जब नया संसद भवन तैयार हो जाएगा, तो पुराने भवन की मरम्मत और एक विकल्प के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता होगी। लेकिन पुरानी संसद का उपयोग किस लिए किया गया होगा, इस पर विस्तृत रूप से विचार नहीं किया गया है।

 

बन सकता है म्यूजियम

सरकार के मुताबिक पुरानी संसद को नहीं तोड़ा जाएगा। इसे संरक्षित किया जाएगा क्योंकि यह देश की एक पुरातात्विक संपत्ति है। इस भवन का उपयोग संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए किया जाएगा। 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी संसद को म्यूजियम में तब्दील किया जा सकता है। यह सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत केंद्र सरकार की योजना है। संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील करने के बाद आगंतुक लोकसभा कक्ष में भी बैठ सकते हैं।

 

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