पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता शुरू हो गई है जहां आज बिहार के पटना में सभी गैर भाजपाई पार्टियां मिलकर रणनीति तैयार करने जा रही हैं. दूसरी ओर भाजपा ने विपक्षी दलों के महाजुटान को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्षी दलों की बैठक से कुछ ही देर पहले भाजपा के केंद्रीय मंत्री […]
पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता शुरू हो गई है जहां आज बिहार के पटना में सभी गैर भाजपाई पार्टियां मिलकर रणनीति तैयार करने जा रही हैं. दूसरी ओर भाजपा ने विपक्षी दलों के महाजुटान को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्षी दलों की बैठक से कुछ ही देर पहले भाजपा के केंद्रीय मंत्री और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा था कि बारात सज गई है लेकिन दूल्हा कौन है पता नहीं. उनके इस बयान पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है.
#WATCH | Delhi: "Ravi Shankar dulha ki chinta na kare…Hamara dulha taiyar hai, aap baaraat ke swagat ki tayari kro…This opposition meeting is to unitedly raise voices to save the democracy," says Congress leader Pramod Tiwari https://t.co/U7DpwjNyMa pic.twitter.com/j6W6f1o6N8
— ANI (@ANI) June 23, 2023
दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “रविशंकर दूल्हे की चिंता ना करे…हमारा दूल्हा तैयार है, आप बारात के स्वागत की तैयारी करो…विपक्ष की यह बैठक लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने के लिए है।”
बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी एकजुटता पर तंज कसते हुए कहा, पटना में नीतीश कुमार 2024 के लिए बारात सजा रहे हैं. लेकिन बारात में तो दूल्हा भी होता है पर इस बारात का दूल्हा कौन है? बता दें, दूल्हा कहकर रविशंकर प्रसाद ने पीएम दावेदार के मुद्दे पर निशाना साधा है. गौरतलब है कि विपक्षी दलों के एक साथ आने के बाद भी प्रधानमंत्री के चेहरे पर मुहर नहीं लग पाई है. इस बात को लेकर भाजपा शुरुआत से ही विपक्षी एकता पर हमला करती नज़र आ रही है.
गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भी कुछ इसी तरह का बयान देते हुए नीतीश कुमार पर तंज कसा था. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर मीडिया से कहा, “सब दूल्हे हैं, बाराती कोई नहीं है”.
हालांकि विपक्षी दलों के बीच भी आपसी खटपट रही है जहां ममता कांग्रेस को पसंद नहीं करती वहीं KCR और कांग्रेस के बीच आपसी खटपट है. दो दिनों पहले ही भाजपा के साथ-साथ केजरीवाल कांग्रेस को भी दो-चार सुना चुके हैं. लेकिन – ‘दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है’ वाली फिलॉसॉफी के बाद सभी एक साथ दिखाई दे रहे हैं. विपक्षी दलों के सामने भी पीएम चेहरे को लेकर बड़ी चुनौती होगी क्योंकि भाजपा के सामने टिकने के लिए उन्हें किसी बड़े पीएम चेहरे को मैदान में उतारना होगा जिसके नाम पर सभी विपक्षी दलों में आपसी सहमति बने.