हैदराबाद। तेलंगाना के श्रम मंत्री एम. मल्ला रेड्डी उस समय बाल-बाल बचे जब घाटकेसर में एक जनसभा के दौरान उनके काफिले पर कुछ लोगों ने हमला किया। अराजनीतिक समुदाय की बैठक के लिए जा रहे मंत्री के काफिले पर जूते, पत्थर और कुर्सियां फेंकी गईं, जिससे उन्हें अचानक बैठक छोड़नी पड़ी। जैसे ही मंत्री ने […]
हैदराबाद। तेलंगाना के श्रम मंत्री एम. मल्ला रेड्डी उस समय बाल-बाल बचे जब घाटकेसर में एक जनसभा के दौरान उनके काफिले पर कुछ लोगों ने हमला किया। अराजनीतिक समुदाय की बैठक के लिए जा रहे मंत्री के काफिले पर जूते, पत्थर और कुर्सियां फेंकी गईं, जिससे उन्हें अचानक बैठक छोड़नी पड़ी।
जैसे ही मंत्री ने सीएम की तारीफ की, कुछ लोग मंच की ओर दौड़े और उन्हें भाषण बंद करने के लिए कहा। कांग्रेस के एक नेता ने उनसे सरकार की प्रशंसा करना बंद करने और समुदाय की भलाई के लिए सरकार की मंशा पर बोलने को कहा। हंगामे के बीच, मल्ला रेड्डी ने अपना भाषण रोक दिया और आयोजकों की अपील के बाद भाषण फिर से शुरू किया।
जैसे ही मंत्री सरकार की प्रशंसा करते रहे, बैठक में शामिल लोगों ने उन्हें रोका और उनके खिलाफ नारेबाजी की। इस बार लोग भड़क गए और परेशानी को भांपते हुए मंत्री के सुरक्षाकर्मियों और पुलिस ने उन्हें घेर लिया और मंच से हटा दिया।
जैसे ही मंत्री रेड्डी का काफिला कार्यक्रम स्थल से निकल रहा था, कई लोगों ने जूते, पत्थर और यहां तक कि कुर्सियां भी फेंकनी शुरू कर दीं। उनमें से कुछ ने काफिले का पीछा भी किया। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था।
रेड्डीज की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मांग की कि मुख्यमंत्री 5,000 करोड़ रुपये से रेड्डीज आयोग बनाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करें। बता दें कि मल्ला रेड्डी ने इस हमले के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया है। मंत्री ने कहा कि चूंकि वह रेवंत रेड्डी के गलत कामों पर सवाल उठा रहे थे, इसलिए उन्होंने अपने समर्थकों के जरिए हमले को अंजाम दिया।
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