Telangana Congress Election Manifesto Promises: तेलंगाना सरकार की पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 में कुल आय 90 हजार करोड़ से कम थी. राज्य जब बना था तो उसके पास 17 हजार करोड़ रुपए थे जबकि आज तेलंगाना 2 लाख करोड़ के कर्ज में है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी रैलियों में कह रहे हैं कि केसीआर सरकार में तेलंगाना के हर परिवार पर 2 लाख और हर आदमी पर 60 हजार का कर्ज हो गया है. साफ है कि टीआरएस सरकार ने कमाई से ज्यादा खर्च किया इसलिए राज्य पर कर्ज है. कल कांग्रेस की सरकार बनी तो तेलंगाना की आय दोगुनी हो जाएगी, इसकी संभावना कम है. फिर अगर कांग्रेस चुनावी घोषणापत्र के वादे पूरा करने पर 1 लाख करोड़ रुपए हर साल खर्च करेगी तो जाहिर है जब पांच साल बाद तेलंगाना में फिर चुनाव होंगे तब केसीआर कह रहे होंगे कि कांग्रेस सरकार ने राज्य को 7 लाख करोड़ के कर्ज के दलदल में ढकेल दिया है.
हैदराबाद. तेलंगाना विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, सीपीआई समेत दूसरे दलों के साथ पीपुल्स फ्रंट बनाकर चुनाव लड़ रही राहुल गांधी की कांग्रेस ने घोषणापत्र के जरिए जो वादे लोगों से किए हैं, सिर्फ उन वादों को पूरा करने के लिए कांग्रेस की सरकार बनने पर उसे 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करना होगा. सीएम चंद्रशेखर राव ने 2018-19 के लिए तेलंगाना का जो बजट पेश किया था वो कुल 1,74,453 लाख करोड़ रुपए का था और सरकार की आय 90 हजार करोड़ रुपए मात्र थी.
जाहिर तौर पर कांग्रेस को अपना वादा पूरा करने के लिए मोटा-मोटी तेलंगाना के कुल बजट का आधा से ज्यादा हिस्सा सिर्फ चुनावी वादों को पूरा करने पर खर्च करना पड़ेगा. ये बात राजनीतिक तौर पर तो सुहानी लगती है लेकिन प्रशासनिक तौर पर सरकार किसी पार्टी की बने, उसके लिए उसे पूरा करना नामुमकिन होगा. तो क्या ये समझा जाए कि राहुल गांधी की कांग्रेस का तेलंगाना में चुनाव घोषणापत्र वादा और जुमला का मिक्स है.
राहुल गांधी की कांग्रेस ने तेलंगाना के लोगों से जो वादे किए हैं, उसके मुताबिक सबसे ज्यादा पैसा किसानों की कर्जमाफी पर जाएगा. कांग्रेस ने 2 लाख तक के फसल कर्ज को माफ करने का वादा किया है जिसे पूरा करने के लिए उसे हर साल 40 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी. के चंद्रशेखर राव की मौजूदा टीआरएस सरकार ने 1 लाख तक के कर्ज को माफ करने पर 17500 करोड़ खर्च किया है.
इसके बाद कांग्रेस ने फसल इनपुट सब्सिडी 10 हजार रुपए प्रति एकड़ देने का वादा किया है जिसके लिए उसे हर साल 15 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी. कांग्रेस ने 100 यूनिट बिजली खपत करने वाले किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया है और एससी या एसटी किसानों को मुफ्त बिजली की ये छूट सीमा 200 यूनिट तक रखा है. इसके लिए राज्य सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए हर साल चाहिए होगा. सीनियर सिटिजन, विधवा या अकेली औरत, बीड़ी मजदूर और दिव्यांगों को पेंशन दोगुना करने का वादा है जिसके लिए सरकार को 10 हजार करोड़ चाहिए होगा.
10 लाख बेरोजगारों को हर महीने 3 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा कांग्रेस ने किया है जिसके लिए उसकी सरकार को 3600 करोड़ खर्च करना होगा. 5 लाख तक की बीमा आरोग्यश्री योजना के तहत देने के वादे पर अमल के लिए 2500 करोड़ रुपए लगेंगे. घर बनाने के लिए सब्सिडी पर 4000 करोड़ का खर्च होगा.
तेलंगाना में बोले अमित शाह- धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को नहीं देने देंगे आरक्षण