पटना. बिहार में सियासी घटनाक्रम इस समय बहुत तेज़ी से बदल रहे हैं. अब महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटे के दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है. जब से नीतीश-तेजस्वी की सरकार सत्ता में आई है, तब से ये सरकार सुर्ख़ियों में बनी हुई है. चाहे वो मंत्रियों के इस्तीफे हो या फिर कैबिनेट की मीटिंग में तेजस्वी के जीजा का पहुंचना. इसी बीच आरजेडी कोटे के दो मंत्रियों का नीतीश कैबिनेट से पत्ता साफ़ हो गया है, सबसे पहले तो कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफ़ा दिया और अब रविवार को सुधाकर सिंह ने मंत्री पद छोड़ दिया है. ख़ास बात तो ये है कि मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दोनों ही नेता आरजेडी कोटे से मंत्री बने थे और सवर्ण जातीय से आते हैं. सुधाकर सिंह और कार्तिकेय के मंत्री पद छोड़ने के बाद तेजस्वी यादव का समीकरण बिगड़ता हुआ नज़र आ रहा है, देखना होगा तेजस्वी कैसे तालमेल बैठाते हैं.
एक बार फिर से बिहार की सियासत गरमा गई है. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेज दिया है और उन्होंने ये इस्तीफ़ा स्वीकार भी कर लिया है. महागठबंधन की सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, इतना ही नहीं उन्होंने तो खुले मंच से कृषि विभाग के अधिकारियों को चोर कहा था और खुद को चोरों का सरदार बता दिया था. अब नीतीश और सुधाकर की नाराज़गी तो जग जाहिर है, नीतीश कुमार को सुधाकर सिंह की बयानबाजियां बिल्कुल पसंद नहीं आती थी, वहीं बीते दिन उन्होंने कृषि विभाग की बैठक बुलाई और कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को ही नहीं बुलाया.
बताया जा रहा है कि सुधाकर सिंह के कामकाज से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाखुश थे। सुधाकर का मीडिया के सामने विवादित बयान देना भी सीएम नीतीश को पसंद नहीं था। गौरतलब है कि सुधाकर सिंह अक्सर ऐसे बयान देते थे जो नीतीश सरकार को मुश्किल में डाल देता था।
सुधाकर सिंह ने कुछ दिनों पहले एक जनसभा में कृषि विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने अधिकारियों को चोर तक बता दिया था। सुधाकर सिंह के इस बयान ने मीडिया में जमकर सुर्खियां बटोरी थी। इसे लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
बता दें कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपनी पार्टी आरजेडी को मुस्लिम-यादव तक सीमित रखने के बजाय ए-टू-जेड मतलब सर्वसमाज की पार्टी बनाने की कवायद कर रहे हैं, इसी में दो सवर्ण मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई और उनका जातीय समीकरण डगमगा गया है. अब देखना है कि तेजस्वी यादव कैसे ये संतुलन बैठा पाते हैं.
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