नई दिल्ली. बिहार राजद नेता तेजस्वी यादव रविवार शाम बसपा प्रमुख मायावती से लखनऊ स्थित उनके आवास पर मिले. सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के पीछे बिहार गठबंधन के सीट बंटवारे पर चर्चा कारण थी. हाल ही में उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव ने सपा और बसपा के गठबंधन का ऐलान किया. दोनों ही पार्टियां इस बार नरेंद्र मोदी सरकार को हराने की तैयारी में हैं. ऐसे में इस गठबंधन को बिहार की दिग्गज पार्टी राजद का साथ भी मिल रहा है.
तेजस्वी यादव ने बिहार में राजद पार्टी नेताओं से रविवार देर शाम तक बैठक की. इसके बाद वो लखनऊ रवाना हुए. वहां तेजस्वी ने मायावती से मुलाकात की. अभी तक इस मुलाकात के पीछे का सही कारण तो नहीं पता चला है लेकिन सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी मायावती को बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए गोपालगंज सीट देने का ऑफर दे सकते हैं. सूत्रों की मानें तो अटकलें ये भी हैं कि सोमवार को तेजस्वी को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलेंगे. पहले उत्तर प्रदेश में हुए गठबंधन में कांग्रेस के जुड़ने की भी खबर थी. हालांकि गठबंधन के ऐलान से साफ हो गया कि सपा और बसपा गठबंधन में दोनों ही पार्टियों ने कांग्रेस को बाहर रखा है.
बिहार में होने जा रहे गठबंधन से भी कांग्रेस के बाहर किए जाने की अटकलें हैं. सूत्रों के अनुसार बिहार महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने 40 लोकसभा सीटों में से 16 सीटों की मांग की है. इस मांग से राजद के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. इसी से बचने के लिए कहा जा रहा है कि राजद यूपी में अखिलेश और मायावती के बीच हुए गठबंधन की ही तरह रणनीति बना रही है. बिहार में राजद कांग्रेस को 10 सीट देने पर विचार कर रहा है. कांग्रेस की मांग के कारण उत्तर प्रदेश की ही तरह बिहार में भी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का पेच फंस सकता है. केवल उत्तर प्रदेश की सपा-बसपा से ही नहीं बल्कि तेजस्वी यादव पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी से भी हाथ मिलाने की तैयारी में हैं. सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी लखनऊ के बाद पश्चिम बंगाल जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेंगे. इसके लिए वो 19 जनवरी को कोलकाता जाएंगे.
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