वाराणसी. वाराणसी से सपा बसपा महागठबंधन उम्मीदवार बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है. बीएसएफ की एनओसी न दे पाने की वजह से नामांकन रद्द हुआ है. तेज बहादुर समेत 80 से उपर नामांकन रद्द होने की खबर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 100 से ऊपर उम्मीदवारों ने नामांकन करवाया था. जांच के बाद 80 से ज्यादा उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए हैं. अब लगभग 30 उम्मीदवार वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
सपा-बसपा महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से उनके प्रत्याशी का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है. दरअसल सपा बपसा महागठबंधन उम्मीदवार तेज बहादुर बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही हैं. उन्होंने पहले वाराणसी से निर्दलीय के रूप में नामांकन किया था. उसमें भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के एक सवाल में उन्होंने हां में जवाब दिया. इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने सपा-बसपा महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा. इस नामांकन पत्र में उन्होंने भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के सवाल का जवाब ना में दिया.
इन दोनों नामांकन पत्र में अलग-अलग जानकारी होने पर उन्हें चुनाव आयोग से नोटिस जारी करके जवाब देने के लिए कहा गया. नोटिस में उन्हें कहा गया कि बीएसएफ से एनओसी लाकर चुनाव आयोग को दी जाए जिसमें बताया जाए की तेज बहादुर को नौकरी से बर्खास्त क्यों किया गया? मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद ये नोटिस जारी किया गया.
वाराणसी से नामांकन रद्द होने के बाद सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार तेज बहादुर यादव ने कहा कि गलत तरीके से मेरा नामांकन रद्द किया गया है. यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने बुधवार शाम सवा 6 बजे तक सबूत सौंपने को कहा था और मैंने सबूत भी दिए, फिर भी मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. तेज बहादुर यादव ने कहा कि मैं चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करूंगा और नामांकन रद्द करने के फैसले को चुनौती दूंगा.
तेजबहादुर को 24 घंटे में जवाब देना था हालांकि वो इसमें असफल रहे. निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने के लिए बुधवार दोपहर तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे. इसी मुलाकात के बाद उनका नामंकन रद्द किया गया है क्योंकि तेज बहादुर ने एनओसी नहीं दी.
तेज बहादुर का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद अब सपा बसपा महागठबंधन की ओर से शालिनी यादव वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. तेज बहादुर से पहले शालिनी यादव अपना नामांकन भर चुकी थीं. हालांकि उनका नाम हटाकर बाद में महागठबंधन उम्मीदवार तेज बहादुर को बनाया गया था. वहीं नामांकन पत्र पर जारी नोटिस का जवाब देने पहुंचे तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई. पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया.
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