नई दिल्ली: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों को साथ लाने की कवायद तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश के कई बड़े विपक्षी दलों के नेता लगातार मीटिंग कर रहे हैं. ऐसे में बयानबाजी का दौर भी तेज है जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय […]
नई दिल्ली: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों को साथ लाने की कवायद तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश के कई बड़े विपक्षी दलों के नेता लगातार मीटिंग कर रहे हैं. ऐसे में बयानबाजी का दौर भी तेज है जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान का समर्थन किया है.
चिदंबरम ने कांग्रेस का समर्थन करने के संबंध में टीएमसी चीफ के बयान का स्वागत किया है और कहा है कि हमें बातचीत शुरू करनी चाहिए. गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है. इस जीत ने विपक्ष का मनोबल बढ़ा दिया है. इसी कड़ी में बीते दिनों ममता बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस 2024 के आम चुनावों के लिए जहां मजबूत है उसका समर्थन किया जाएगा. इसके बदले में उसे क्षेत्रीय दलों को समर्थन देना होगा.
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने सीएम ममता बनर्जी के इस बयान का स्वागत किया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि बातचीत के माध्यम से एक समझ बनाई जा सकती है. एक समाचार चैनल को दिए गए फोन इंटरव्यू पर चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के साथ बातचीत में उन्हें इसे आगे बढ़ाना चाहिए. मैं आश्वस्त हूं कि सहमति बनाई जा सकती है.
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सीएम बनर्जी ने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी क्षेत्रीय दलों को समर्थन देने के बदले उन राज्यों में कांग्रेस का समर्थन करेगी जहां पर वह मजबूत है. लेकिन इसके बदले में कांग्रेस को अन्य राजनीति दलों का भी समर्थन करना होगा. चिदंबरम ने ये संकेत दे दिया है कि कांग्रेस इस विचार के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा है कि किसी भी राज्य में वहां की गैर-बीजेपी पार्टी गठबंधन में अग्रणी पार्टी होनी चाहिए.
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