सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच पावर वॉर के थमने की उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि दिल्ली को अलग राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस और जमीन का अधिकार उपराज्यपाल और बाकी सारी शक्तियां मुख्यमंत्री के पास रहेंगी.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच पावर की की रस्साकशी पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पुलिस और दिल्ली की जमीन उप राज्यपाल के अधीन रहेगी. बाकी सभी शक्तियां दिल्ली के सीएम के अधीन रहेंगी. उपराज्यपाल अनिल बैजल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं है. वो मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह पर काम करेंगे. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एएम खानविलकर भी इस फैसले पर सहमत दिखे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल जनता के द्वारा चुनी गई सरकार के कामकाज में अवरोधक के तौर पर कार्य नहीं कर सकते हैं. संवैधनिक पीठ ने कहा कि मंत्रिपरिषद के सभी फैसलों पर उपराज्यपाल की सहमति जरूरी नहीं है. लेकिन उन्हें इसके बारे में अवगत कराया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में निरंकुशता और अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखा जाए तो दिल्ली पुलिस और दिल्ली की जमीन उप राज्यपाल के अधीन रहेगी. बाकी सभी शक्तियों के मालिक दिल्ली के सीएम रहेंगे. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि जनता के द्वारा चुनी गई सरकार ही सर्वोच्च है. मंत्रिमंडल के पास ही असली शक्ति होती है. उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार की सलाह और सहमति से काम करें उनके काम में बाधा नहीं डालें.
कोर्ट ने कहा कि कैबिनेट के हर मामले में एलजी की इजाजत जरूरी नहीं है. इसके अलावा एलजी के पास स्वतंत्र अधिकार नहीं. उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री का फैसला रोककर रखने का अधिकार नहीं हैं. वहीं एलजी के फेवर में कोर्ट ने कहा कि लैंड, लॉ ऐंड ऑर्डर और पुलिस केंद्र के अधीन होगी. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा संभव नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार और एलजी में मतभेद हो तो मामला राष्ट्रपति के पास भेजा जाए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली सचिवालय पहुंचे हैं, जहां तालियों के साथ सचिवालय में उनका स्वागत किया गया है. पहले बाताया जा रहा था कि केजरीवाल ने अपने आवास पर कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई है. लेकिन जब केजरीवाल खुद सचिवालय पहुंचे हैं तो संभव है कि कैबिनेट मंत्रियों की बैठक दिल्ली में ही हो.
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