नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के इस्माइल फारूकी मामले में मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ने को लेकर फैसला सुनाया. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच (जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर) ने 2-1 (पक्ष-विपक्ष) के फैसले के हिसाब से अपना फैसला सुनाया. तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया है. जस्टिस अब्दुल नजीर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की राय से सहमत नहीं थे. फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है.
अयोध्या मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंग बग्गा ने ट्वीट किया, ‘मैं चाहता हूं मोदी जी 2019 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने भव्य राम मंदिर, अयोध्या में आशीर्वाद लेकर जाए.’ डॉक्टर एल.एस. राना ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अटूट अंग नहीं. अतः अयोध्या के विवादित भूखंड में नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं.’ बबलू श्रीवास्तव लिखते हैं, ‘मक्का में जब मंदिर नहीं तो अयोध्या में मस्जिद कैसे बन सकती है?- योगी आदित्यनाथ (2015).’ नीचे देखें, अयोध्या मामले में आ रहे सोशल मीडिया रिएक्शनः
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