Supreme Court Rejects Hardik Patel Plea: सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को मंगलवार को बड़ा झटका देते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. हार्दिक पटेल ने अपने एक मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर सुनवाई होनी है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हार्दिक ने एक याचिका देकर मांग की थी कि उनके मामले में सुनवाई जल्द की जाए. इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार सुबह एक बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक पटेल की नई याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. हार्दिक पटेल पर एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस मामले की जल्द सुनवाई को लेकर हार्दिक ने सुफ्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी. हालांकि इस याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई के लिए मना कर दिया है.
दरअसल गुजरात की निचली अदालत ने हार्दिक पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगे में दोषी करार दिया था. हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई गई थी. इस सजा को गुजरात हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा. इसके बाद हार्दिक ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. मामले की सुनावई सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. मामले में दोषी करार होने के कारण हार्दिक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो गए. उन्होंने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी की मामले की सुनवाई नामांकन भरने की आखिरी तारीख से पहले की जाए.
इस याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जल्द करने से इनकार कर दिया है. गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल की याचिका का विरोध किया था. इसस पहले हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हार्दिक पटेल ने अपनी याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर रोक और सजा को निलंबित करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया है कि नामांकन का आखिरी दिन गुरुवार है, लिहाज सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाए.
सुफ्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद कहा जा रहा है कि हार्दिक पटेल के लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने की संभावनाएं कम हो गई हैं. नामांकन भरने की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है. हार्दिक कांग्रेस से भी हाथ मिला चुके हैं ताकि लोकसभा चुनाव 2019 में वो खड़े हो सकें. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद संभावना ना के बराबर हो गई हैं कि हार्दिक चुनाव लड़ पाएंगे क्योंकि जन प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के तहत दो साल या उससे अधिक सालों की जेल की सजा काट रहा व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता.