Supreme Court on Uttarakhand Panchayat Polls: सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड की भाजपा सरकार को बड़ा झटका मिला है. अदालत ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को बदलने से इनकार कर दिया है जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के 2 बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवार को पंचायत चुनाव न लड़ने के फैसले पर रोक लगाई गई थी.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने पंचायत चुनाव में दो से ज्यादा बच्चे वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है. दरअसल, राज्य की भाजपा सरकार ने एक विधेयक पास किया था जिसके अनुसार, 2 से ज्यादा संतान वाला कोई भी व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता था. बाद में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले पर रोक लगा दी. जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन यहां से भी निराशा हाथ लगी. हालांकि, कोर्ट ने साफ कर दिया कि इस साल 5 अक्टूबर को होने जा रहे पंचायत चुनाव में अदालत दखल नहीं देगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के याचिकाकर्ताओं को भी नोटिस जारी किया है.
गौरतलब है कि उतराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने 1 जून 2019 को यह विधेयक पारित किया जिसके अनुसार दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवार पंचायत चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य बताए गए. उस दौरान सरकार ने तर्क दिया कि लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना राष्ट्रहित में नहीं होगा.
Supreme Court refuses to stay Uttarakhand High Court's Judgment nullifying the Act of the State which debarred people who have more than two children from contesting Panchayat polls. pic.twitter.com/WQdht34H7M
— ANI (@ANI) September 23, 2019
आपको बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव इस साल अक्टूबर महीने में आयोजित कराए जाएंगे. उत्तराखंड सरकार के इस विधेयक को लेकर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा था कि विधेयक का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है और उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को निर्धारित करना है. मदन कौशिक ने कहा था कि सभी पंचायत सदस्यों की शैक्षिक योग्यता निर्धारित की गई है.