Supreme Court on SC-ST Act 2018: एससी-एसटी एक्ट 2018 की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट से BJP सरकार को राहत

Supreme Court on SC-ST Act 2018: सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार के एससी-एसटी संशोधन कानून 2018 की वैधता को चनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

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Supreme Court on SC-ST Act 2018: एससी-एसटी एक्ट 2018 की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट से BJP सरकार को राहत

Aanchal Pandey

  • February 10, 2020 12:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार के एससी-एसटी संशोधन कानून 2018 की वैधता को चनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. कानून में नए संशोधन के अनुसार, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोगों की ओर शिकायत मिलने के तुरंत बाद ही एफाआईआर और गिरफ्तारी होगी. 

दरअसल SC-ST संशोधन कानून, 2018 को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी केंद्र सरकार के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है. 20 मार्च साल 2018 को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के हो रहे दुरूपयोग के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के तहत मिलने वाली शिकायत पर स्वत: एफआईआर और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

हालांकि, यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ गया. जिसके बाद संसद में नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया. भाजपा सरकार के इस कानून में संशोधन के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिन्हें कोर्ट ने खारिज करते हुए फैसला सुनाया.

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