नई दिल्ली. Ayodhya Ram Janmabhoomi Land Dispute Case SC Hearing: अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्री कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यू टर्न लेते हुए कहा कि वे राम चबूतरे को भगवान राम का जन्मस्थान नहीं मानते. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साफ शब्दों में कहा कि हमने यह स्वीकार नहीं किया है और हम तो इसे बस वर्ष 1885 के कोर्ट का आदेश बता रहे हैं. इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड का रुख भी वही है जो मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने रखा है. इस मामले में राजीव धवन ने कहा कि वो मानते है कि अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ था, लेकिन कहां हुआ, इसके बारे में नहीं बता सकते. इससे पहले मंगलवार को अयोध्या विवाद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान संविधान पीठ के सामने मुस्लिम पक्ष ने माना कि राम चबूतरा ही जन्मस्थान है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इस मामले में जिला जज का आदेश है कि हिंदू राम चबूतरे को जनस्थान मानते थे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ के पेश वकील जफरयाब जिलानी ने स्पष्ट किया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड नहीं मानता कि राम चबूतरा ही भगवान राम की जन्मस्थली है. उन्होंने कहा कि भले हिंदू पक्ष का विश्वास है, लेकिन हमें विश्वास नहीं है. दरअसल, मंगलवार को कई मीडिया घरानों ने यह खबर चलाई कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने माना है कि राम चबूतरा ही भगवान राम का जन्मस्थान है. लेकिन ठीक एक दिन बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साफ इनकार करते हुए कहा कि हम राम चबूतरा को राम की जन्मस्थली नहीं मानते.
जिलानी ने 1862 की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें जन्मस्थान को एक अलग मंदिर बताया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि राम कोट भगवान राम का जन्मस्थान है. इसपर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि उनके गेजेटियर में कहा गया है कि राम चबूतरा ही राम का जन्म स्थान है और केंद्रीय गुंबद से 40 से 50 फीट दूर है.इसपर जिलानी ने कहा ये उनका विश्वास है हमारा नहीं. इसके बाद जस्टिस भूषण ने कहा कि अंग्रेजों ने इस जगह को दो हिस्सों में बांटा- अंदरूनी और बाहरी कोटयार्ड. इसलिए उन्होंने बाहरी कोटयार्ड में पूजा करना शुरू किया. इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी गेजेटियर इस बात का इशारा करते हैं कि राम चबूतरे पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था.
यहां बता दूं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ बीते एक महीने से ज्यादा समय से अयोध्या विवाद मामले की लगातार सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के साथ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर हैं. यह पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन के मालिकाना हक को लेकर है. इस मामले में बीते दिनों सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि दो महीने के अंदर इसपर फैसला आ जाएगा.
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