लखनऊ, सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर एक बार फिर पाला बदलने के मूड में नज़र आ रहे हैं. बुधवार को लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं से ओपी राजभर ने मुलाक़ात की है, इस दौरान उन्होंने दो घंटे तक भाजपा नेताओं से बात की. ओम प्रकाश राजभर के बेटे भी थे […]
लखनऊ, सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर एक बार फिर पाला बदलने के मूड में नज़र आ रहे हैं. बुधवार को लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं से ओपी राजभर ने मुलाक़ात की है, इस दौरान उन्होंने दो घंटे तक भाजपा नेताओं से बात की.
इस मुलाक़ात के दौरान ओपी राजभर के साथ उनके दोनों बेटे अरुण राजभर और अरविंद राजभर भी थे. बैठक के बाद राजभर ने भाजपा के साथ आने की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की कि वह एक बस डिपो की मांग को लेकर मिलने आए थे. हालांकि, भाजपा के साथ आने की संभावनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि राजनीति में ये संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं, ये चलती ही रहती हैं.
राजभर के भाजपा नेताओं से मिलने के बाद पहला सवाल तो ये उठ रहा है कि राजभर भाजपा से हाथ मिलाएंगे या नहीं. वहीं, सवाल इस बात पर भी है कि अगर राजभर को अपने क्षेत्र को लेकर ही मुलाकात करनी थी, तो फिर ये मुलाक़ात गेस्ट हाउस में ही क्यों की? क्यों ये मुलाक़ात किसी मंत्री के गेस्ट हाउस में नहीं हुई.
इससे पहले भी राजभर की गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की खबरें आईं थीं और तब भी राजभर के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन तब राजभर ने ऐसी खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि वो सपा के साथ थे, हैं और रहेंगे. बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव की इन दिनों चाचा शिवपाल यादव के साथ भी तनातनी चल रही है. ऐसे में, चाचा शिवपाल के भी भाजपा से हाथ मिलाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
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