Subramanian Swamy Vs Hasnain Masoodi Debate On Article 370 and Ram Mandir: iTV नेटवर्क के इंडिया नेक्स्ट कार्यक्रम में बोले सुब्रमण्यम स्वामी, पहले राम मंदिर बनेगा फिर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटेगी

Subramanian Swamy Vs Hasnain Masoodi Debate On Article 370 and Ram Mandir: iTV नेटवर्क के इंडिया नेक्स्ट कार्यक्रम में बीजेपी से राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के साथ अनंतनाग सीट से नेशनल कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज करने वाले हसनैन मसूदी की धारा 370 पर गर्मागर्म बहस हुई. सुब्रमण्यम स्वामी ने इस कार्यक्रम में धारा 370 को हटाने की बात दो टूक शब्दों में की. स्वामी ने कहा देश में पहले राम मंदिर का निर्माण होगा उसके बाद अगला कदम जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का ही उठाया जाएगा. स्वामी ने कहा, "कश्मीर हमारी संस्कृति का हिस्सा है, पांच लाख लोगों को कश्मीर से भगाया गया हमने बर्दाश्त किया है. अब हम कश्मीर के एक-एक इंच को अपना हिस्सा बनाएंगे." वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने धारा 370 हटाने की पुरजोर मुखालफत करते हुए कहा कि इस देश की जनता ने हमें ये अधिकार दिया है कि हम अपना संविधान बनाएं, अपनी संसद बनाएं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि 1949 में महाराजा हरिसिंह ने भारत का पूरा संविधान नहीं अपनाया था. ऐसे में केंद्र सरकार के पास धारा 370 हटाने का अधिकार नहीं है.

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Subramanian Swamy Vs Hasnain Masoodi Debate On Article 370 and Ram Mandir: iTV नेटवर्क के इंडिया नेक्स्ट कार्यक्रम में बोले सुब्रमण्यम स्वामी, पहले राम मंदिर बनेगा फिर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटेगी

Aanchal Pandey

  • June 18, 2019 11:35 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. iTVनेटवर्क के इंडिया नेक्स्ट कार्यक्रम में बीजेपी से राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के साथ अनंतनाग सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस टिकट पर जीत दर्ज करने वाले हसनैन मसूदी की गर्मागर्म बहस चल रही है. जम्मू-कश्मीर में हिंसा की समस्या समाप्त होती नहीं दिख रही है. आतंकवाद से लगातार जूझ रहे कश्मीर का कोई सियासी समाधान संभव है या नहीं इस बारे में आमने-सामने हैं बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी और उनके सामने हैं नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी. सुब्रमण्यम स्वामी ने इस कार्यक्रम में धारा 370 को हटाने की बात दो टूक शब्दों में की. स्वामी ने कहा देश में पहले राम मंदिर का निर्माण होगा उसके बाद अगला कदम जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का ही उठाया जाएगा. स्वामी ने कहा, “कश्मीर हमारी संस्कृति का हिस्सा है, पांच लाख लोगों को कश्मीर से भगाया गया हमने बर्दाश्त किया है. अब हम कश्मीर के एक-एक इंच को अपना हिस्सा बनाएंगे.” वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने धारा 370 हटाने की पुरजोर मुखालफत करते हुए कहा कि इस देश की जनता ने हमें ये अधिकार दिया है कि हम अपना संविधान बनाएं, अपनी संसद बनाएं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि 1949 में महाराजा हरिसिंह ने भारत का पूरा संविधान नहीं अपनाया था. ऐसे में केंद्र सरकार के पास धारा 370 हटाने का अधिकार नहीं है.

नरेंद्र मोदी कश्मीर से धारा 370 हटाने को प्रतिबद्ध हैं: सुब्रमण्यम स्वामी
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इंडिया नेक्स्ट कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने को प्रधानमंत्री प्रतिबद्ध हैं. स्वामी ने कहा कि किसी धारा को समाप्त  करने के लिए प्रधानमंत्री को किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है. स्वामी ने बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन को बहुत बड़ी गलती बताया. स्वामी ने कहा, ” मैंने पहले भी कहा था कि बीजेपी को पीडीपी के साथ कभी गठबंधन नहीं करना चाहिए था. यह पूरी तरह से एक गलत निर्णय था. मैं हमेशा इसके खिलाफ था.” इसके साथ ही स्वामी ने लद्दाख और जम्मू को कश्मीर से अलग पहचान देने की वकालत की. स्वामी ने कहा कि लद्दाख और जम्मू के लोग चाहते हैं कि उन्हें अलग पहचान देकर भारत के साथ हमेशा के लिए जोड़ दिया जाए. हालांकि जब स्वामी से पूछा गया कि क्या कश्मीर और लेह-लद्दाख को अलग करना चाहिए तो स्वामी ने इसके जवाब में कहा कि ऐतिहासिक तौर पर राज्य की पृष्ठभूमि देखते हुए ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही हम पाकिस्तान को कोई ऐसा मैसेज नहीं देना चाहते कि हम कश्मीर को अलग मानते हैं.

कश्मीरी पंडित कश्मीर का अभिन्न हिस्सा: हसनैन मसूदी
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर कहा, “कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ वो बहुत बुरा था लेकिन हमारी विरासत साझा है. कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर में शिक्षा से लेकर व्यापार तक में बहुत योगदान दिया है. कश्मीरी पंडितों का हक है कि वो अपने घरों में लौटें. जो कश्मीरी पंडित अभी भी कश्मीर में रहते हैं उनकी कोई बात नहीं करता. हेल्थ केयर, शिक्षा, टूरिज्म के क्षेत्र में कश्मीरी पंडितों का बड़ा योगदान हैं. हम एक हैं. हमारा इतिहास भी एक हैं. बाहर से देखने पर लोग हमें अलग मान सकते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में हिंदू-मुस्लिम का कोई मुद्दा नहीं है. जो हुआ वो बेहद दुखद है लेकिन ऐसा नहीं है कि प्रयास नहीं हो रहा. कश्मीर में लगातार कश्मीरी पंडितों को मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा. धारा 370 हटाने के सवाल पर मसूदी ने कहा कि इस देश की जनता ने हमें यह अधिकार दिया है कि हम अपना संविधान बनाएं. 1947 में कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत का पूरा संविधान नहीं अपनाया था. कश्मीर की स्थिति देश के बाकी राज्यों से अलग है. इसे ऐसे ही देखा जाना चाहिए. सुब्रमण्यम स्वामी ने जब यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  धारा 370 हटाने को प्रतिबद्ध हैं तो मसूदी ने पलटवार करते हुए कहा मोदी अकेले कुछ नहीं कर सकते. उन्हें संविधान के हिसाब से ही चलना होगा. 

फारूख अब्दुल्ला खुद कहते हैं कि उनके पूर्वज गौड़ ब्राह्मण थे: सुब्रमण्यम स्वामी
सुब्रमण्यम स्वामी ने इंडिया नेक्स्ट कार्यक्रम में कुछ ऐसा कहा जिससे पूरे हॉल में ठहाके गूंज उठे. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “फारूख अब्दुल्ला ने मुझसे खुद कहा है कि उनके पूर्वज गौड़ ब्राह्म्ण थे. मैंने उनसे कहा कि आप सार्वजनिक तौर पर यह बात क्यों नहीं कहते तो उन्होंने कहा कि मुल्ला मार देगा.” इसके बाद पूरे हॉल में ठहाके गूंज उठे. 

क्या है कश्मीर में आर्टिकल 370 का मुद्दा

संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए.

जम्मू और कश्मीर के लिए यह प्रबंध शेख अब्दुल्ला ने वर्ष 1947 में किया था. शेख अब्दुल्ला को राज्य का प्रधानमंत्री महाराज हरि सिंह और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नियुक्त किया था. तब शेख अब्दुल्ला ने धारा 370 को लेकर यह दलील दी थी कि संविधान में इसका प्रबंध अस्‍थायी रूप में ना किया जाए.

उन्होंने राज्य के लिए कभी न टूटने वाली, ‘लोहे की तरह स्वायत्ता’ की मांग की थी, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया था।इस धारा के मुताबिक रक्षा, विदेश से जुड़े मामले, वित्त और संचार को छोड़कर बाकी सभी कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य से मंजूरी लेनी पड़ती है.

राज्य के सभी नागरिक एक अलग कानून के दायरे के अंदर रहते हैं, जिसमें नागरिकता, संपत्ति खरीदने का अधिकार और अन्य मूलभूत अधिकार शामिल हैं। इसी धारा के कारण देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं.

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