Speedy trial in criminal cases: आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की तरफ से पेश हुईं ASG अमन लेखी से कहा कि आप अपना काम ठीक से नहीं करते और न्याय में देरी के लिए अदालत की आलोचना करते हैं.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप अपना काम ठीक से नहीं करते और फिर न्याय में देरी के लिए न्यायालय की आलोचना करते हैं.
सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुईं ASG अमन लेखी से जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि न्याय में देरी के लिए अदालत की आलोचना करने वाला यह मामला हैरत भरा है क्योंकि आप खुद सही से काम नहीं करते. जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि आप अपने लोगों को कहें कि वे अदालत की आलोचना करना बंद करें क्योंकि सरकार ही खुद काम सही से नहीं कर रही है.
बता दें कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि न्यायपालिका को लक्ष्मणरेखा पार नहीं करनी चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने सीजेआई रंजन गोगोई की मौजूदगी में कहा था कि न्यायपालिक तय कर ले कि शासन से जुड़े मुद्दों पर वह हद में रहे. इसके साथ ही न्यायपालिका को अपने अधिकार क्षेत्र के बारे में पता होना चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा था कि संविधान के जितने भी अंग हैं उन्हें लक्ष्मणरेखा के अंदर काम करने की जरूरत है.
रविशंकर प्रसाद ने न्यायालय में नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय लेवल पर प्रवेश परीक्षा कराए जाने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में और प्रतिभाशाली लोगों को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय लेवल पर परीक्षा कराई जानी चाहिए.
– Speedy trial in criminal cases.
– SC slams Centre for not taking effective steps to ensure speedy trial in criminal cases.
– SC tells Centre"You don't perform ur job but u always criticise judiciary for dealy in Justice. Very strange,"@Inkhabar
— Ashish Sinha (@Ashish_sinhaa) November 29, 2018
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