नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को एक बार ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से ईडी ने लगभग दो घंटे तक पूछताछ की थी. बता दें नैशनल हेराल्ड अखबार मामले में सोनिया गाँधी से पूछताछ की जा रही है. पहले ईडी ने सोनिया को 25 जुलाई को […]
नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को एक बार ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से ईडी ने लगभग दो घंटे तक पूछताछ की थी. बता दें नैशनल हेराल्ड अखबार मामले में सोनिया गाँधी से पूछताछ की जा रही है. पहले ईडी ने सोनिया को 25 जुलाई को पेश होने को कहा था, लेकिन बाद में ED की ओर से कहा गया कि सोनिया गाँधी से 26 जुलाई यानी कल पूछताछ की जाएगी. ऐसे में, कांग्रेस ने कल शांतिपूर्वक सत्याग्रह करने की अपील की है.
गौरतलब है, कांग्रेस ने ऐसा ही कुछ उस समय भी किया था, जब राहुल गांधी ईडी के सामने पेश हुए थे.
1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसके तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला गया। एजेएल पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसे खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम यंग इंडिया लिमिटेड था।
इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38 फीसदी थी। यंग इंडिया को एजेएल के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा जाता था कि यंग इंडिया इसके एवज में एजेएल की देनदारियों का भुगतान करेगा, लेकिन ऊंची हिस्सेदारी के कारण यंग इंडिया को मालिकाना हक मिल गया। कांग्रेस द्वारा एजेएल की देनदारियों को पूरा करने के लिए दिया गया 90 करोड़ का कर्ज भी बाद में माफ कर दिया गया।
1 नवंबर 2012 को सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली कोर्ट में केस दायर किया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया।
26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।
1 अगस्त 2014 को ईडी ने मामले का संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
ईडी ने मई 2019 में इस मामले से जुड़ी 64 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
19 दिसंबर 2015 को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने इस मामले में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी।
9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स की जांच जारी रहेगी।