Smriti Irani Sanitary Napkin remark on Sabarimala Temple: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. इस बीच इस पूरे विवाद पर अपनी राय रखते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जब आप खून से सना सैनेटरी पैड लेकर दोस्त के घर नहीं जाते तो फिर उसे भगवान के घर में क्यों लेकर जाएं?
नई दिल्लीः Smriti Irani Sanitary Napkin remark on Sabarimala Temple: केरल में प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सुप्रीम कोर्ट इजाजत दे चुका है इसके बावजूद 10 साल से 50 साल के बीच की महिलाओं को मंदिर के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है. कोर्ट के फैसले के खिलाफ मंदिर के बाहर और केरल के कई इलाकों में लगातार प्रदर्शन जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सबरीमाला मंदिर विवाद पर अपनी बात रखते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं लेकिन उनकी निजी राय है कि पूजा करने के अधिकार का मतलब यह नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार है. जब आप माहवारी के खून से सना सैनेटरी पैड लेकर दोस्त के घर नहीं जाते तो फिर मंदिर क्यों? न्यूज एजेंसी ANI ने उनका एक वीडियो जारी किया है.
ANI ने जो वीडियो जारी किया है उसमें एक कार्यक्रम में स्मृति ईरानी कह रही हैं, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हूं लेकिन मेरी निजी राय है कि पूजा करने के अधिकार का मतलब ये नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार मिल जाता है. पूजा करना मेरा अधिकार है, लेकिन अपवित्र करना नहीं. एक कैबिनेट मंत्री होने के नाते सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नहीं बोल सकती. क्या आप खून से सने सैनेटरी पैड को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगे? बिल्कुल नहीं. तो आप उसे भगवान के घर में क्यों ले जाएंगे?’
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, ‘मैं हिंदू धर्म को मानती हूं और मैंने एक पारसी व्यक्ति से शादी की. मैंने ये सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को मानें, जो आतिश बेहराम (पारसियों का प्रार्थना स्थल) जा सकते हैं.’ ईरानी ने खुद की आपबीती बताते हुए कहा कि जब उनके बच्चे आतिश बेहराम के अंदर जाते थे तो उन्हें सड़क पर या कार में बैठना पड़ता था. स्मृति ईरानी ने कहा, ‘जब मैं अपने नवजात बेटे को आतिश बेहराम लेकर गई तो मैंने उसे मंदिर से पहले ही अपने पति को सौंप दिया. मैं बाहर इंतजार कर रही थी क्योंकि मुझे दूर रहने और वहां पर खड़े नहीं रहने के लिए कहा गया था.’ सोशल मीडिया पर जब स्मृति ईरानी के इस बयान पर सवाल उठने लगे तब स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर लिखा कि वह फेक न्यूज है और वह जल्द ही इसका वीडियो पोस्ट करेंगी.
#WATCH Union Minister Smriti Irani says," I have right to pray,but no right to desecrate. I am nobody to speak on SC verdict as I'm a serving cabinet minster. Would you take sanitary napkins seeped in menstrual blood into a friend's home? No.Why take them into house of God?" pic.twitter.com/Fj1um4HGFk
— ANI (@ANI) October 23, 2018
Fake news …… calling you out on it. Will post my video soon. https://t.co/ZZzJ26KBXa
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 23, 2018