नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 का रिजल्ट कांग्रेस पार्टी के लिए किसी बुरे सपने जैसा साबित होता जा रहा है. इन चुनावों में कांग्रेस बाकी सीटों के साथ-साथ वो सीट भी हार गई जो उसकी परंपरागत सीट मानी जाती थी. हम बात कर रहे हैं अमेठी सीट की जहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हरा दिया है. अमेठी सीट पर आज तक का इतिहास बताता है कि यहां से गांधी परिवार को कोई नेता कभी चुनाव नहीं हारा है लेकिन इस चुनाव में ये भी रिकार्ड टूट गया.
खुद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमेठी में अपनी हार स्वीकार करते हुए स्मृति ईरानी को जीत की बधाई देते हुए कहा कि वो अमेठी का ख्याल रखें. पहली बार 1967-71 और फिर 1971-77 तक कांग्रेस के विद्य़ाधर वाजपेयी यहां से चुनाव जीते थे. उनके बाद 1977 से 1980 तक रविंद्र प्रताप सिंह अमेठी से सांसद रहे.
1980 में यहां से संजय गांधी सांसद चुने गए. संजय गांधी के आकस्मिक निधन के बाद 1981 में राजीव गांधी इस सीट से सांसद चुने गए और वो 1991 तक इस सीट से सांसद रहे.राजीव गांधी के निधन के बाद कांग्रेस के सतीश शर्मा इस सीट से चुनाव जीते और 1991 से 1998 तक इस सीट से सांसद रहे. 1999 में सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव जीतीं और तबसे अबतक राहुल गांधी अमेठी से सांसद थे.
अमेठी लोकसभा की उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जाती है. इस सीट में करीब कुल 17 लाख वोटर हैं. जिसमें अभी तक की गिनती के मुताबिक राहुल गांधी को 273543 वोट पड़े तो वहीं स्मृति ईरानी को 311992 वोट मिले. अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच कड़ा मुकाबला था.
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