Smriti Irani Aide Join Congress: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तगड़ा झटका लगा है. जिस वक्त ईस्ट यूपी की 8 अहम सीटों पर लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के लिए वोट डाले जा रहे थे, उसी समय अमेठी में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अहम सहयोगी रवि दत्त मिश्रा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. रवि दत्त मिश्रा स्मृति इरानी को अमेठी लाने वालों में से थे और पिछले 25 साल से ज्यादा समय से बीजेपी से जुड़े थे. अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
नई दिल्लीः सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 के पहला चरण की वोटिंग हो चुकी है. इसमें यूपी की 8 सीटों पर भी चुनाव हो चुका है. यूपी में इस बार बीजेपी के लिए आर या पार की लड़ाई है. इस बीच उत्तर प्रदेश में बीजेपी को करारा झटका लगा है. यूपी के एक अहम सीट अमेठी, जहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं और उनको बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन इस बीच स्मृति इरानी को अमेठी लाने वाले यूपी के दिग्गज नेता रवि दत्त मिश्रा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. रवि दत्त मिश्रा यूपी की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
मालूम हो कि स्मृति इरानी जब भी अमेठी आती थीं, रवि दत्त मिश्रा ने निवास पर ही ठहरती थीं. गुरुवार को रवि दत्त मिश्रा ने पूर्वी यूपी की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वांड्रा से मुलाकात कर कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में रवि दत्त मिश्रा ने कांग्रेस का दामन थामा है. रवि दत्त मिश्रा के कांग्रेस से जुड़ने से अमेठी में तो खासकर बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है.
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यूपी कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता डॉक्टर उमा शंकर पांडेय ने गुरुवार को बताया कि रवि दत्त मिश्रा बीजेपी से काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं. इससे पहले वह समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे और यूपी कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं.
रवि दत्त मिश्रा साल 1990 के दशक से ही बीजेपी में विभिन्न पदों पर रहे. साल 2012 से 2014 तक वह अमेठी लोकसभा के सदस्यता प्रमुख रहे और बीजेपी राज्य परिषद के भी सदस्य रहे. बीजेपी की दिग्गज नेता स्मृति इरानी ने जब अमेठी लोकसभी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया तो रवि दत्त मिश्रा को बीजेपी ने अमेठी में बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की जिम्मेदारी दी.
उल्लेखनीय है कि रवि दत्त मिश्रा ने बीजेपी में रहते हुए अमेठी में स्मृति इरानी की पैठ बनाने में काफी मेहनत की थी जिसका असर भी देखने को मिला था. जहां विपक्षी पार्टियां अमेठी सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से 3 लाख से ज्यादा मतों के अंदर से हारती थीं, पिछले यानी 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति इरानी मात्र एक लाख वोटों से हारी थीं. अब रवि दत्त मिश्रा के कांग्रेस से जुड़ने से राहुल गांधी को काफी फायदा होने वाला है.