मुंबई. महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना तेजी से जीत की ओर बढ़ रही है. शिवसेना ने पहले ही सीएम की मांगों के लिए आदित्य ठाकरे का नाम आगे किया है. इस समय संख्याएं एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के गठबंधन की संभावनाएं भी दिखा रही हैं. घटनाओं के एक और दिलचस्प मोड़ में, कांग्रेस के साथ गठबंधन में जूनियर पार्टनर, एनसीपी, दिग्गज पार्टी की तुलना में अधिक सीटों पर आगे चल रही है. वहीं दूसरे गठबंधन में अहम पार्टी शिवसेना महाराष्ट्र में किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रही है. पार्टी ने आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की मांग रख दी है. अगर शिवसेना आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की शर्त पर एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लेती है तो तीनों पार्टियां मिलकर सरकार बना सकती है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भरोसा है कि उनकी पार्टी को विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी सभी एग्जिट पोल में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी (कुछ ने पार्टी को स्पष्ट बहुमत दिया), तो महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में शिवसेना की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है.
चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना नेताओं ने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री शिवसेना से होंगे. जाहिर है, वे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का जिक्र कर रहे थे. आदित्य ने मुंबई की वर्ली सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा और शिवसेना के नेता उन्हें सीएम के रूप में देखने के इच्छुक हैं. जब बीजेपी और शिवसेना ने पिछले पांच वर्षों से महाराष्ट्र में सत्ता साझा की, तब तक चुनावों की घोषणा होने तक इन दलों के बीच टकराव जारी रहा. शिवसेना को भाजपा के लिए दूसरी कड़ी बनना मुश्किल लग रहा था. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि शिवसेना कितनी सीटें हासिल करती है.
यदि शिवसेना 100 से अधिक सीटें जीतती है, तो वह सीएम के पद को साझा करने के साथ भाजपा के साथ समान शक्ति की मांग कर सकती है. शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया है कि पार्टी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के समर्थन के साथ-साथ कांग्रेस की सरकार बनाने और भाजपा को सत्ता के गलियारों से बाहर रखने के लिए समर्थन नहीं देना है. भाजपा नेतृत्व ने शिवसेना के अपने सीएम के चुनाव प्रचार पर टिप्पणी नहीं की है. 2014 में, जब वह भाजपा का समर्थन करने के लिए तैयार नहीं थी, जो बहुमत से कम हो गई थी, एनसीपी ने भाजपा को समर्थन देने की पेशकश की थी. राकांपा के इस कदम ने शिवसेना को भाजपा सरकार में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया. हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल को भरोसा है कि चुनाव के बाद की गणना की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि भाजपा को विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. उनका मानना है कि शिवसेना के साथ, भाजपा 288 सदस्यों के सदन में लगभग 250 सीटें जीतेगी. पाटिल ने कहा था कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के लिए तैयार हैं.
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