आजमगढ़: देश के सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. विपक्षी एकजुटता की मुहीम में शामिल समाजवादी पार्टी में भी इस बीच टिकट को लेकर कवायद तेज है. पार्टी के महासचिव और अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल चुनाव 2024 के लिए शिवपाल […]
आजमगढ़: देश के सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. विपक्षी एकजुटता की मुहीम में शामिल समाजवादी पार्टी में भी इस बीच टिकट को लेकर कवायद तेज है. पार्टी के महासचिव और अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल चुनाव 2024 के लिए शिवपाल यादव आजमगढ़ की सीट से मैदान में उतर सकते हैं. कई स्थानीय नेताओं ने उनके नाम पर मुहर लगाई है. हालांकि अभी पार्टी की ओर से औपचारिक घोषणा करनी बाकी है.
बता दें, आजमगढ़ में सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तमाम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, विधायक, पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में प्रमुख रूप से कार्यकर्ताओं की शिकायतों का ना सुने जाने का मामला सुर्खियों में रहा. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह जिले में बड़े नेताओं के आने से स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं कर पाते हैं और उनकी समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है. इस शिकयात पर पार्टी अध्यक्ष ने भी सहमति जताई.
बैठक में आगे विधानसभा वार से लेकर बूथ वार तक के पदाधिकारियों का लंबे समय तक जमे रहने और नए अधिकारियों को मौक़ा ना मिलने का मामला भी सामने आया. पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि पार्टी में ऐसे कई पदाधिकारी हैं जो कई वर्षों से जमे हुए हैं. ऐसे में पार्टी में आए युवा नेताओं को नए मौके नहीं दिए जा रहे हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी के सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में सदर लोकसभा से पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी बना सकती है. इस पर अधिकांश कार्यकर्ताओं ने मुहर भी लगा दी है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि जल्द ही पार्टी की ओर से शिवपाल के नाम की आधिकारिक घोषणा भी की जाएगी. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाली लोकसभा सीट आजमगढ़ को भाजपा के दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ ने ढहा दिया था. इस सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने प्रचंड बहुमत हासिल की और समाजवादी पार्टी का किला ढहा दिया. इस बार सपा के आगे अपनी इस सीट को भाजपा के कब्जे से छुड़ाने की चुनौती रहेगी.