Shiv Sena Aditya Thackeray Maharashtra CM Candidate, Shivsena Ke Aditya Thackeray Mukhyamantri Umeedvar kyun: पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में खड़े होने के बाद वर्ली सीट पर सबको पछाड़ कर शिवसेना के आदित्य ठाकरे आगे निकल गए हैं. शिवसेना ने मांग उठाई है कि पार्टी की जीत के बाद आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया जाए. बीजेपी के साथ गठबंधन में शिवसेना के इस सपने का पूरा होना मुश्किल लग रहा है. अब ऐसे में चुनाव में अच्छी सीटें पाकर एनसीपी और कांग्रेस भी शिवसेना के साथ गठबंधन की कोशिश कर सकती हैं. सीएम से पहले डिप्टी सीएम बनाने की भी मांग की जा रही थी. लेकिन इन सभी अटकलों के बीच सवाल ये खड़ा होता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आदित्य ठाकरे को क्यों मुख्यमंत्री बनना चाहिए?
मुंबई. राजनीति में प्रवेश करने वाले शिवसेना के आदित्य ठाकरे सबसे कम उम्र के वर्ली से 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले बने. 29 साल की उम्र में, वह वर्तमान में शिवसेना की युवा शाखा, युवा सेना के अध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं. अपने दादा बाल ठाकरे की तरह साहित्य प्रेमी के रूप में, आदित्य एक प्रकाशित लेखक हैं. उन्होंने 2007 में अपनी पहली पुस्तक माई थॉट्स इन ब्लैक एंड व्हाइट प्रकाशित की. 2008 में, वो गीतकार बने और एक निजी एल्बम जारी किया. युवाओं के नेता और पार्टी में युवा ब्रिगेड के रूप में, वह मुंबई नाइटलाइफ के प्रस्तावित दोबारा शुरू होने के बारे में मुखर रहे हैं. उनके द्वारा दिए गए चुनावी हलफनामे के मुताबिक, आदित्य ठाकरे की कीमत 16 करोड़ रुपये से कुछ अधिक है. आदित्य ठाकरे के पास 11.38 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 4.67 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. लेकिन ये सब क्यों जरूरी है? ये सब इसलिए जरूरी है क्योंकि आदित्य ठाकरे का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है. लेकिन आदित्य का नाम क्यों?
आदित्य ठाकरे एक युवा नेता और नई सोच वाले नेता हैं. खास ये है कि वो अपने विचार रखने में पीछे नहीं हटते. ये तो सभी जानते हैं कि कम उम्र में उन्होंने बड़े काम किए हैं. चुनाव से पहले आदित्य इस बात से भी पीछे नहीं हटे कि वो अपनी ही गठबंधन पार्टी बीजेपी की सरकार के खिलाफ खड़े थे. जहां एक ओर बीजेपी ने आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने का फैसला किया वहीं आदित्य ठाकरे बिना गठबंधन या चुनाव की परवाह किए बीजेपी के पेड़ काटने के खिलाफ खड़े हो गए. शिवसेना के लिए भी ये खास है क्योंकि आदित्य ठाकरे शिवसेना के पहले सदस्य हैं जो कभी चुनाव लड़ रहे हैं. जब से शिवसेना की स्थापना 1966 में दिवंगत बाल ठाकरे ने की थी, तब से परिवार के किसी भी सदस्य ने कोई चुनाव नहीं लड़ा या किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं रहे. ऐसे में आदित्य ठाकरे को सीएम पद मिलना शिवसेना के लिए भी एक नया कदम होगा.
पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना यह सुनिश्चित करेगी कि आदित्य ठाकरे 21 अक्टूबर को मंत्रालय (मुख्यमंत्री कार्यालय) की 6 वीं मंजिल पर पहुंचें. नतीजों की बात करें तो शिवसेना के आदित्य ठाकरे वर्ली विधानसभा क्षेत्र में एक आरामदायक नेतृत्व स्थापित करने वाले हैं. उन्होंने बेहद आसानी से इस सीट पर धाक जमाना शुरू कर दिया है. 29 वर्षीय ठाकरे का नेतृत्व एनसीपी के सुरेश माने के खिलाफ खड़ा है और उन्होंने शुरुआती रुझानों के अनुसार लगभग 12,000 वोटों की बढ़त बनाई है. दक्षिण मुंबई में स्थित निर्वाचन क्षेत्र में वर्षों से एक बड़ा परिवर्तन आया है – एक कपड़ा केंद्र होने से लेकर आलीशान इमारतों और आधुनिक वाणिज्यिक परिसरों तक यहां पर मौजूद हैं. ठाकरे ने कहा था कि वह निर्वाचन क्षेत्र को विकास का मॉडल बनाना चाहते हैं. अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने बढ़त हासिल करके दिखा दिया है कि वो अपनी पहचान बना चुके हैं और लोगों की पसंद बन चुके हैं.
Also read, ये भी पढ़ें: Shivsena Demands Aditya Thackeray for CM Post: आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के साथ शिवसेना पलट सकती है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का खेल, बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने का मौका
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अमित शाह के साथ जिस प्रेस कॉंफ़्रेंस का ज़िक्र किया उसमें उद्धव (25 मिनट पर देखें) ने कहा था कि विधानसभा में सिर्फ़ सीटों का ही नहीं ज़िम्मेदारी का भी ‘सम -समान’ बँटवारा हो
इसके हवाले से शिवसेना CM के पद पर दावा कर रही है👇https://t.co/U61bvLjxpx
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) October 24, 2019