शशि थरूर ने परवेज मुशर्रफ के निधन पर जताया शोक

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार सुबह निधन हो गया, पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार बीते काफी समय से उनका इलाज संयुक्त अरब अमीरात के  अस्पताल में चल रहा था। रिपोर्ट्स के अनुसार परवेज अमाइलॉइडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे। […]

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शशि थरूर ने परवेज मुशर्रफ के निधन पर जताया शोक

Vikas Rana

  • February 5, 2023 2:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार सुबह निधन हो गया, पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार बीते काफी समय से उनका इलाज संयुक्त अरब अमीरात के  अस्पताल में चल रहा था। रिपोर्ट्स के अनुसार परवेज अमाइलॉइडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे।
परवेज मुशर्रफ के निधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शोक जताते हुए कहा कि कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों हर साल उनसे मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचार में स्पष्ट पाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे।
शशि थरूर

शशि थरूर

 

भारत में हुआ जन्म

1943 में जन्मे मुशर्रफ का बचपन पुरानी दिल्ली की गलियों में बीता था। पुरानी दिल्ली में आज भी उनकी पुस्तैनी हवेली है, जो बेहद जर्जर हालत में है। साल 2001 में बतौर राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए परेवज मुशर्रफ ने अपने दौरे के पहले दिन पुरानी दिल्ली के उस मकान को देखने पहुंचे थे, जहां उनका बचपन गुजरा था। हालांकि उस आलीशान घर को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि मुशर्रफ उन दिनों पुरानी दिल्ली के जाने माने परिवार से ताल्लुक रखते थे। परवेज मात्र 4 साल के थे जब उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था।

कागजात में मुशर्रफ के पिता का नाम

बता दें, पुरानी दिल्ली में रहने वाले बुजुर्गों के मुताबिक परवेज मुशर्रफ आजादी से पहले परिवार के साथ रहते थे। इसके साथ ही वह पुरानी दिल्ली के अमीर परिवारों से ताल्लुक रखते थे। अब इस हवेली में कई परिवार रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि 2001 के समय जो लोग उस घर में रहते थे, उनमें से अधिकतर को इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उसके असली मालिक कौन हैं ?

अभी भी घर के असली कागजातों पर सारी जानकारियां उर्दू में लिखी हुई हैं, जिन पर मुशर्रफ के पिता के नाम से अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हुए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक और अल्पसंख्यक समुदाय के नेता सर सैयद अहमद मुशर्रफ के पड़ोस वाले मकान में ही रहते थे। फिलहाल अब मुशर्रफ के पुराने घर के आस-पास के इलाके बहुत पॉश, संकरे और गंदे हो चुके हैं।

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