Sharad Pawar: सीनियर पवार के पद छोड़ने पर अजित ने बहन सुप्रिया को क्यों दी चुप रहने की सलाह?

मुंबई: एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासी हलचल तेज है जहां राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपने पद को त्याग दिया है. वरिष्ठ नेता शरद पवार का ये फैसला महाराष्ट्र की सियासत में कई बड़ी अटकलों की शुरुआत है. जहां पहले से ही NCP में अजित पवार के तेवर बदले-बदले नज़र आ रहे थे दूसरी ओर शरद पवार के इस फैसले ने सियासी हवा बदल दी है. इसी बीच NCP कार्यकर्ताओं और नेताओं में सीनियर पवार के इस फैसले से बड़ी हलचल देखने को मिल रही है.

Other leaders are still requesting #SharadPawar to reconsider his decision. Ajit Pawar suggested Supriya Sule not to speak anything.

"I am his elder brother and that is why I am suggesting her this," says Ajit

NCP workers are demanding that Supriya Sule should speak to Sharad… pic.twitter.com/LptiMk7ycH

— ANI (@ANI) May 2, 2023

‘बड़े भाई होने के नाते दी सलाह’

जानकारी के अनुसार पार्टी नेताओं ने शरद पवार से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. बड़ी संख्या में पार्टी नेता मांग कर रहे हैं कि सुप्रिया सुले अपने पिता के इस फैसले को लेकर उनसे कुछ बात करें. सुप्रिया सुले से कई पार्टी नेताओं ने शरद पवार से अनुरोध करने के लिए कहा है हालांकि पार्टी नेता अजित पवार ने बहन सुप्रिया सुले को इस मामले में कुछ भी ना बोलने की सलाह दी है. अजित पवार का कहना है कि वह सुप्रिया सुले के बड़े भाई हैं इसलिए इस मामले में वह ये सलाह दे रहे हैं.

एनसीपी में हो सकती है टूट

भतीजे अजित पवार के बगावती सुर लंबे समय से सुनाई दे रहे हैं. अब शरद पवार के इस फैसले के बाद पार्टी में टूट की अटकलें और भी तेज़ हो गई हैं. हालांकि, राजनीतिक जानकारों का ये मानना है कि शरद पवार ने पार्टी को टूट से बचाने के लिए ये फैसला लिया है. दूसरी ओर पहले भी अजित पवार पार्टी से बगावत कर चुके है. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जिसमें वह उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के काफी मान-मनौव्वल के बाद वापस चाचा की पार्टी में आ गए थे.

मजबूत होगी भाजपा

सीनियर पवार यदि अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे तो महाराष्ट्र में भाजपा का पलड़ा भारी हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भतीजे अजित पवार का झुकाव पहले से ही बीजेपी की तरफ है. इसके अलावा महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में बीते कुछ दिनों से यह चर्चा हो रही है कि 40 विधायकों के साथ अजित पवार बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं. हालांकि, इन चर्चाओं पर अजित सफाई देते हुए कह चुके हैं कि जीवन के अंतिम समय तक वह चचा की पार्टी में ही रहेंगे।

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