मुंबई, भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों के बीच बड़े गठबंधन को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. इसके लिए विपक्ष के कई बड़े दल नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को नेतृत्व सौंपने (Sharad Pawar denies to lead opposition) की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच अब NCP प्रमुख ने विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने से इनकार कर दिया है.
विपक्षी गठबंध पर शरद पवार ने साफ कर दिया है कि अगर विपक्षी पार्टियां एक साथ आती हैं तो वे उसका नेतृत्व करने के लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे विपक्ष को एक मंच पर लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, लेकिन शरद पवार ने गठबंधन के नेतृत्व से फिलहाल खुद को पीछे ही रखने का फैसला किया है.
दरअसल, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का प्रयोग हुआ और एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर राज्य में अपनी सरकार बनाई, जिसमें शरद पवार की बहुत ही अहम भूमिका थी. इसलिए विपक्ष को उम्मीद है कि शरद पवार पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने का काम बखूबी कर सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस के नेतृत्व करने पर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं, इसलिए विपक्षी पार्टियों को शरद पवार विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त लग रहे हैं.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने की मांग उठाई जा रही थी, उनकी पार्टी के अलावा शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी शरद पवार के यूपीए चेयरमैन बनाने का समर्थन किया था. इसके अलावा कुछ महीनों पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शरद पवार से मुलाकात की थी, जिससे ये विपक्ष का मानना है कि पवार ही विपक्ष का नेतृत्व बखूबी कर सकते हैं.
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