श्रीनगर. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बाद पूर्व आईएएस शाह फैसल के खिलाफ पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया. पहले स्तर की सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले शाह फैसल ने हाल ही में जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी बनाई जिसके वे मौजूदा अध्यक्ष हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार के आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का भी शाह फैसल ने जमकर विरोध किया था जिसके बाद उन्हें 14 अगस्त के दिन धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया. फिर पुलिस ने उन्हें एमएलए हॉस्टल में नजरबंद रखा. अब जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनपर पीएसए लगा दिया जिससे उन्हें 2 साल तक बिना किसी सबूत के हिरासत में रखा जा सकता है.
हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि पीएसए लगाने के बाद शाह फैसल को एमएलए हॉस्टल में ही रखा जाएगा या उनके घर शिफ्ट किया जाएगा. शाह फैसल से पहले प्रशासन ने नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के ऊपर पीएसए लगाया था. फिलहाल दोनों पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं.
केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य की सुरक्षा के मद्देनजर दोनों को नजरबंद किया गया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की पीएसए एक्ट के तहत हिरासत को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किया है. उमर अब्दुल्ला की बहन और राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट की पत्नी सारा अब्दुल्ला ने भाई की नजरबंदी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
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