केंद्रीय बल की तैनाती पर SC का फैसला ममता के गाल पर थप्पड़… बोले सुकांत मजूमदार

कोलकाता: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान सेंट्रल फोर्स की तैनाती करने के हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट के आदेश पर विचार करने की बात कही गई थी. ऐसे में अब बंगाल में पंचायत चुनाव के […]

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केंद्रीय बल की तैनाती पर SC का फैसला ममता के गाल पर थप्पड़… बोले सुकांत मजूमदार

Riya Kumari

  • June 20, 2023 2:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

कोलकाता: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान सेंट्रल फोर्स की तैनाती करने के हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट के आदेश पर विचार करने की बात कही गई थी. ऐसे में अब बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान केंद्र बलों की तैनाती पर मामला साफ़ हो गया है.

‘दूसरे गाल पर भी थप्पड़’

शीर्ष अदालत का ये फैसला ममता सरकार के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है. इसी कड़ी में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट का ये फैसला सीएम ममता के गाल पर थप्पड़ की तरह लगा था. जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उनके दूसरे गाल पर भी थप्पड़ मारा है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने ट्विटर अकॉउंट से ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, सत्यमेव जयते. पंचायत चुनाव में जिस तरह की हिंसा हो रही है भाजपा उसका लंबे समय से विरोध कर रही है साथ ही बीजेपी केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रही थी.

दरअसल पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को लेकर केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है जिन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के बाद शीर्ष अदालत का रुख किया था. वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को जारी रखते हुए आदेश में हस्तक्षेप से इनकार किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

पंचायत चुनाव में हिंसा के खिलाफ केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले में न्यायमूर्ति नागरत्न ने कहा कि चुनाव करवाने से हिंसा का लाइसेंस नहीं मिल जाता है. लोकतंत्र की विशेषता निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव है जहां हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं करवाए जा सकते. हाई कोर्ट के 2013, 2018 के आदेशों पर जस्टिस नागरत्न ने कहा कि हिंसा का इतिहास लंबा रहा है. जस्टिस ने आगे कहा कि हिंसा के माहौल में किसी भी तरह चुनाव नहीं हो सकते हैं. चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होने चाहिए.

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