नई दिल्ली. उज्बेकिस्तान में होने वाले शंघाई शिखर सम्मेलन पर इस समय सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल उज्बेकिस्तान के दौरे पर जाने वाले हैं. उनका ये दौरा इसलिए भी ख़ास माना जा रहा है क्योंकि इस दौरे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और […]
नई दिल्ली. उज्बेकिस्तान में होने वाले शंघाई शिखर सम्मेलन पर इस समय सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल उज्बेकिस्तान के दौरे पर जाने वाले हैं. उनका ये दौरा इसलिए भी ख़ास माना जा रहा है क्योंकि इस दौरे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी पहुँचने वाले हैं, उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में 15 और 16 सितंबर को SCO की बैठक होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 और 16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए उज्बेकिस्तान जाएंगे. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात हो सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर यानी कल शिखर सम्मेलन में शामिल होने उज्बेकिस्तान जाने वाले हैं, ऐसे में सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर टिकी हुई है. वहीं, कहा जा रहा है कि शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक हो सकती है. वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी पीएम मोदी की मुलाकात हो सकती है.
एससीओ का विस्तार रूप शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) है, शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की स्थापना साल 2001 में हुई थी और रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य ने शंघाई में इस संगठन की स्थापना की थी, ये संगठन मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और विकास पर ध्यान केंद्रित करता है. भारत 2005 में SCO में पर्यवेक्षक बना और 2017 में पाकिस्तान के साथ सदस्यता प्राप्त की, इस साल पीएम मोदी इसी सम्मेलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं. बता दें, इस बार के समिट में रूस यूक्रेन युद्ध और अन्य एजेंडे शामिल हैं.
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