एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अकेला ऐसा कानून है कि इस केस में आरोपी को दूसरा कोई कानूनी उपचार नही मिलता. अगर एक बार मामला दर्ज हुआ तो वह अरेस्ट हो जाता है. फिलहाल कोर्ट ने एक्ट में बदलाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था. इस दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
नई दिल्लीः SC/ST एक्ट में हुए बदलाव पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. दो न्यायाधीशों की बेंच मामले की खुली अदालत में सुनवाई कर रही है. केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने हमारा जजमेंट पढ़ा भी नहीं है और वह विरोध कर रहे हैं. हमें उन निर्दोष लोगों की चिंता है जो जेलों में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए एक्ट में बदलावों पर रोक लगाने के इनकार कर दिया है. कोर्ट ने मामले से जुड़ी सभी पार्टियों को दो दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अकेला ऐसा कानून है कि किसी व्यक्ति को दूसरा कोई कानूनी उपचार नही मिलता. अगर एक बार मामला दर्ज हुआ तो आरोपी गिरफ्तार हो जाता है. इस मामले में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है जबकि दूसरे मामलों में संरक्षण के लिए दूसरे फोरम हैं. अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन बेगुनाह को सजा न मिले.
कोर्ट ने कहा कि प्रेरित, दुर्भावना और झूठे आरोप लगाकर नागरिकों की स्वतंत्रता का हनन नहीं कर सकते.जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि इस कानून में आरोपों को सत्यापित करना मुश्किल है इसलिए इस तरह की गाइडलाइन जारी की गई. दूसरी ओर अन्य अपराधों में आरोपों को सत्यापित किया जा सकता है.
SC/ ST Protection Act case: Supreme Court, while hearing the submissions by the Attorney General, observed, 'we are not against the Act. Innocent should not be punished.'
— ANI (@ANI) April 3, 2018
इस मामले में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया. कानून मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 6 दिन के भीतर रिव्यू पिटीशन फाइल की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी तक लोगों से शांति बनाए रखने की अपील नहीं की. रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हम ये नहीं कह रहे कि सरकार इसकी पार्टी नहीं होती. ये भी कांग्रेस का शिगूफा है. रिव्यू पिटीशन में बात नहीं बनी तो सरकार सारे विकल्प देखेगी.’
Supreme Court refuses to stay its order on SC/ST Act, asks all parties to submit detailed replies within two days; matter to be heard after 10 days. pic.twitter.com/2Is9Vosusa
— ANI (@ANI) April 3, 2018
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि गौर करने वाली बात है कि जिन प्रदेशों में आने वाले वक्त में चुनाव होने हैं हिंसा वहीं ज्यादा हुई है. बताते चलें कि सोमवार को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था. इस दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
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