एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, जिस पर कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने अदालत से मामले में जल्द सुनवाई की अपील करते हुए कहा कि अभी की परिस्थितियां काफी मुश्किल हैं. ये एक तरह के देश में आपातकाल जैसे हालात हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था. इस दौरान हुई हिंसा में 10 लोग मारे गए जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे. मंगलवार को कई जगहों पर हिंसक घटनाओं की खबरें मिल रही हैं.
नई दिल्लीः एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था. भारत बंद के दौरान कई राज्यों में हिंसक घटनाएं सामने आईं. सोमवार को ही केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट मामले में जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. मंगलवार दोपहर इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में होगी. जल्द सुनवाई की मांग को कोर्ट के सामने रखते हुए अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि अभी की परिस्थिति काफी मुश्किल है. ये एक तरह के देश में आपातकाल जैसे हालात हैं.
अटार्नी जनरल ने अदालत को बताया कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान 10 लोग मारे जा चुके हैं. हजारों-करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हो गया है. लिहाजा केंद्र सरकार कोर्ट से यह अपील करती है कि इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई हो. केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई पर जल्द सहमति जताते हुए चीफ जस्टिस ने जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यू.यू. ललित की अगुवाई में बेंच का गठन किया है. मंगलवार दोपहर दो बजे खुली अदालत में मामले की सुनवाई होगी.
दूसरी ओर एमिकस क्यूरी अनरेंद्र शरण ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की परिस्थिति सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलने का कारण हरगिज नहीं हो सकती है. अन्य मुद्दों पर सुनवाई जरूर हो लेकिन देश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना सरकार का काम है. गौरतलब है कि बीती 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन करते हुए कई बदलाव किए थे. कोर्ट की नई गाइडलाइन के मुताबिक, इस तरह के दर्ज मामलों में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई. साथ ही अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दी गई.
यह भी कहा गया कि एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर केस दर्ज किया जाए. वहीं जिले में एसएसपी की अनुमति के बाद ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाए. बता दें कि अब डीएसपी स्तर का अधिकारी इस तरह के मामलों की जांच करेगा. पहले इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी केस की जांच करता था. कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और थावरचंद गहलोत की अगुवाई में कई सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. जिसके बाद सरकार की ओर से इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की बात कही गई. सोमवार को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए.
एससी/एसटी एक्ट: दलित IPS अधिकारी बीपी अशोक ने वर्तमान परिस्थितियों से आहत होकर दिया इस्तीफा
SC/ST एक्ट: सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध करेगी मोदी सरकार