SC On Ayodhya Ram Janmabhoomi Land Dispute Case: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद का जल्द गल निकलने की संभावना दिख रही है. बुधवार को अयोध्या राम जन्मभूमि मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 26वें दिन हो रही सुनवाई के दौरान ये बात सामने आई कि इस मसले पर 17 नवंबर से पहले फैसला संभव है. वहीं सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 18 अक्टूबर तक दोनों पक्षों की बहस पूरी हो सकती है. पढ़ें डिटेल.
नई दिल्ली. SC On Ayodhya Ram Janmabhoomi Land Dispute Case: अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले पर बड़ी खबर सामने आ रही है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बीते एक महीने से लगातार सुनवाई कर रही है और सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगले महीने यानी 18 अक्टूबर तक दोनों पक्षों की बहस पूरी होने की उम्मीद है. वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने भी कहा कि मुस्लिम पक्ष और रामलला विराजमान को इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए कोशिशें करनी होंगी ताकि इसपर जल्द से जल्द फैसला आ सके. माना जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद का हल निकल जाएगा और राम मंदिरप बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा.
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 26वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने कहा कि अगले हफ्ते तक हम अपनी बहस पूरी कर लेंगे. 27 सितंबर तक मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर लेंगे. इसके बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि आप अपनी बहस इस महीने तक पूरी कर लेंगे. वहीं रामलला विराजमान ने कहा कि उन्हें इस मामले में जवाब देने के लिए 2 दिनों का वक्त चहिए.
अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 17 नवम्बर से पहले आ जायेगा फैसला। 18 अक्तूबर तक कोर्ट मामले की सुनवाई पूरी कर लेगा। अगर पक्ष चाहते है तो मध्यस्थता जारी रहेगी। @Inkhabar
— Ashish Sinha (@Ashish_sinhaa) September 18, 2019
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में इस बात पर अभी मंथन चल रहा है कि सुनवाई पूरी होने में कितना समय लगेगा. मुख्य न्यायाधीष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लेंगे. सीजेआई ने कहा कि सभी पक्षों को इसके लिए एफर्ट करना होगा. गोगोई ने कहा कि उसके बाद हमें फैसला लिखने के लिए 4 हफ्तों का समय मिलेगा. CJI ने कहा कि हमें मध्यस्थता को लेकर लेटर मिला है और अगर पक्ष आपसी बातचीत कर मसले का समझौता करना चाहते है तो ऐसा करके कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखे. रंजन गोगोई ने कहा कि मध्यस्थता को लेकर गोपनीयता बनी रहेगी.
The five-judge Constitution bench, headed by Chief Justice of India Ranjan Gogoi, also said, "simultaneously the mediation process can go along with the hearing, which is going on in SC, and if an amicable settlement is reached through by it, the same can be filed before the SC" https://t.co/55bPIJkt1t
— ANI (@ANI) September 18, 2019
आपको बता दूं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अजेंडे में है और बीते कई वर्षों से कोशिशें जारी हैं कि अयोध्या विवाद का समाधान हो. सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई में बीते कई वर्षों से इसका हल निकालने की कोशिश हो रही है और दोनों पक्ष यानी मुस्लिम पक्ष और रामलला विराजमान अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं. अब आने वाले दिनों में पता चल जाएगा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता कितना साफ होता है और मंदिर निर्माण में कितना वक्त लगता है.