मुंबई, संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने आखिरकार रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया, पिछले 8 घंटे से ईडी उनके घर पर छानबीन कर रही थी, बता दें ईडी ने यह छापेमारी पात्रा चॉल घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की थी. रविवार को ED की टीम सुबह 7 […]
मुंबई, संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने आखिरकार रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया, पिछले 8 घंटे से ईडी उनके घर पर छानबीन कर रही थी, बता दें ईडी ने यह छापेमारी पात्रा चॉल घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की थी. रविवार को ED की टीम सुबह 7 बजे राउत के भांडुप स्थित घर पर छापेमारी करने पहुंची थी.
ईडी की टीम के पहुंचने के बाद राउत के वकील भी उनके घर पहुंच गए थे, उनके घर के बाहर काफी समर्थक भी जमा हो गए थे. साथ ही ईडी ने संजय राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया था.
शिवसेना सांड संजय राउत को अब ईडी अपने दफ्तर लेकर जा रही है. अब वहीं पर संजय राउत से पूछताछ की जाएगी, अगर वह जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है. इस बीच राउत के घर के बाहर उनके समर्थक जमा हो गए थे, उन्होंने ईडी टीम का रास्ता रोका था. संजय राउत को जब ईडी की टीम घर से लेकर निकली तो उन्होंने हवा में भगवा रंग का कपड़ा लहराया.
पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा, प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला किया गया, साल 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को सौंपा, यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था. म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं, जबकि रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे और म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था. लेकिन 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए.
गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ;पर आरोप है कि फ्लैट बनाने की बजाए इन्होने 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को बेच दी थी, इससे कंपनी ने 1034 करोड़ रुपये कमाए थे. वहीं मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामला आर्थिक अपराध विंग यानी EOW को सौंपा गया. EOW ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया, बताया जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत के बहुत करीबी थे और वह एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ कंपनी में निदेशक थे. वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, हालांकि प्रवीण राउत को कोर्ट ने जमानत दे दी लेकिन पीएमसी बैंक घोटाले के मामले में प्रवीण को ईडी ने गिरफ्तार कर किया.
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