भोपाल. Sadhvi Pragya Contest Against Digvijay Singh: लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है. भोपाल सीट पर 12 मई को मतदान होने वाला है. इस बीच साध्वी प्रज्ञा के नाम के ऐलान के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया है. भोपाल सीट पर कांग्रेस की ओर से उसके दिग्गज नेता और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह चुनावी रण में है. इस सीट पर मुकाबला कांटे और कड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
मालेगांव ब्लास्ट के साथ साध्वी प्रज्ञा का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता सुनील जोशी हत्याकांड में भी आ चुका है. साध्वी प्रज्ञा अपने भड़काऊ भाषणों के चलते वह सुर्खियों में रह चुकी हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार उस समय चर्चा में आईं थी, जब उन्हें साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद वह 9 वर्ष तक जेल में बंद रही थीं.
साध्वी प्रज्ञा मध्यप्रदेश के एक मध्यम वर्गीय परिवार से है. साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ. हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट साध्वी प्रज्ञा का शुरुआत से ही दक्षिणपंथी संगठनों की ओर रुझान था. वह RSS की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं और विश्व हिन्दू परिषद की महिला विंग दुर्गा वाहिनी से जुड़ी थीं. साध्वी राजावत राजपूत हैं. और उनके पिता आरएसएस के स्वयंसेवक और पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे.
साल 2002 में उन्होंने जय वंदे मातरम जन कल्याण समिति बनाई. स्वामी अवधेशानंद गिरि के संपर्क में आने के बाद साध्वी प्रज्ञा का नया रूप लोगों को देखने को मिला. अवधेशानंद का राजीनितिक गलियारे में काफी प्रभाव था. इसके बाद उन्होंने एक राष्ट्रीय जागरण मंच बनाया और इस दौरान वह मध्य प्रदेश और गुजरात के एक शहर से दूसरे शहर जाती रहीं.
साध्वी प्रज्ञा के अलावा मालेगांव ब्लास्ट में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को भी गिरफ्तार किया गा था. 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक बाइक में लगाए गए दो बमों के फटने के कारण 7 लोगों की मृत्यु हो गई थी. जबकि100 से अधिक घायल हो गए थे. फिलहाल साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित दोनों बेल पर बाहर हैं.
वर्ष 2017 में एमपी की देवास कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को RSS प्रचारक सुनील जोशी हत्यकांड से बरी कर दिया था. 29 दिसंबर 2007 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता सुनील जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा के अलावा 7 अन्य लोगों के नाम भी सामने आए थे.
मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा पर लगा मकोका (MCOCA) हटा लिया गया था. लेकिन इस पर अनलॉफुल एक्टीविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत मामला चला. महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था. इसका मुख्य कारण संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को समाप्त करना था. साल 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया. फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है.
साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने उन्हें झूठे केस में फंसाया. मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का नाम सामने आने के बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा. तत्काली यूपीए सरकार ने इसे भगवा आतंकवाद की संज्ञा दी थी. फिलहाल आलोक संजर भोपाल से बीजेपी के सांसद हैं.
द गार्जियन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी मुस्लिम जो इस गैंग से जुड़े हुए…
आज के समय में हर व्यक्ति लंबे समय तक युवा और ऊर्जा से भरपूर दिखना…
दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन तबीयत अचानक बिगड़ गई…
वास्तु शास्त्र में सुबह उठने के बाद कुछ कार्य करने पर प्रतिबंध है जिन्हे करने…
फिलहाल इस फिल्म की शूटिंग चल रही है, जिसे बीच में ही रोकना पड़ा है.…
राजमिस्त्री मोईनुद्दीन, उसकी पत्नी आसमा और उसकी तीन बेटियों का शव उनके किराये के घर…