मितव्यता के मामले में उत्तराखंड की सरकार बिल्कुल सजग नजर नहीं आ रही है. त्रिवेंद्र सिंह रावत के ऑफिस ने चाय पर 10 महीने में 68 लाख रुपये खर्च कर दिए. इसे सीधे तौर पर जनता की जेब पर बोझ माना जा रहा है.
देहरादून. उत्तराखंड में पिछले साल सत्ता में आई बीजेपी की त्रिवेंद्र रावत सरकार के चाय पानी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एक आरटीआई से सामने आया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने चाय पानी पर 10 महीने में 68,59,865 (अड़सठ लाख उनसठ हजार, आठ सौ पैंसठ) रुपये खर्च किए हैं. आरटीआई से चाय पानी के खर्च के बाद सरकार के खर्चों पर सवाल उठ रहे हैं. जीरो टोलरेंस की बात करने वाली बीजेपी सरकार के इस खर्च को लेकर लोग तमाम तरह की बातें कर रहे हैं.
आरटीआई एक्टीविस्ट हेमन्त सिंह गौनियों ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी थी कि वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ लेने के बाद से अब तक चाय पानी पर कितना खर्च हुआ, इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं. इस पर सचिवालय प्रशासन (विविध) अनुभाग-01 द्वारा संबंधित बिलों के भुगतान के आधार पर सूचना दी गई है कि मुख्यमंत्री ने 18 मार्च 2017 को शपथ ली थी तब से 19 दिसंबर 2017 तक सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में चाय-पानी पर 68,59,865 (अड़सठ लाख उनसठ हजार, आठ सौ पैंसठ) रुपये सरकारी धन व्यय हुआ है. सरकार के मंत्रियों की चायपानी जनता की जेब पर भारी पड़ रही है.
बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड पेयजल निगम में तीन माह से कार्मिकों को वेतन नहीं मिलने से प्रदेश भर में आंदोलन हुआ था. सरकार ने सातवें वेतनमान के एरियर के लिए भी पैसे की मजबूरी दिखाई थी. स्कूलों में फर्नीचर, लैब और अन्य उपरकरणों के लिए भी धन की कमी के आड़े आने की खबरें सामने आती रही हैं. ऐसे में सरकार के चाय पानी के खर्चे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इससे पहले हरीश रावत की सरकार के चाय पानी के खर्चे काफी चर्चा में रहे थे.
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