राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में सजा सुनाए जाने से पहले कहा कि कोर्ट में आरक्षण की जरूरत है. लालू यादव मनुवादी सोच का खामियाजा भुगत रहे हैं. शिवानंद तिवारी के बयान को लेकर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है.
पटना. चारा घोटाला मामले में जेल में बंद लालू प्रसाद यादव सहित अन्य दोषियों की सजा का ऐलान अभी नहीं हो पाया है. लालू प्रसाद यादव चारा मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से पटना जेल में बंद हैं. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बुधवार को कहा कि न्यायपालिका में भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. देश में शुरू से ही मनुवादी सोच की विचारधारा हावी रही है और लालू यादव उसी का खामियाजा भुगत रहे हैं. तिवारी ने कहा कि जिस जाति के दोषी को सजा सुनाई जानी है, जज भी उसी जाति का हो. क्योंकि जज जिस जाति का होता है वह पक्षपात करता ही है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि आज भी कहता हूं कि लालू प्रसाद भी मिश्रा होते तो उन्हें भी बरी कर दिया जाता. उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण की बात जायज है.
शिवानंद तिवारी के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि शिवानंद तिवारी भस्मासुर की भूमिका में हैं. इस तरह के बयान देकर वो लालू प्रसाद यादव को बचाने के बजाय बर्बाद करने पर तुले हुए हैं. जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि इन लोगों ने न्याय व्यवस्था पर अंगुली उठाकर न्यायपालिका की धज्जियां उड़ा दी हैं. आलोक ने कहा कि शिवानंद तिवारी राजद और लालू को खा जाएंगे.
बता दें कि रांची की सीबीआई कोर्ट ने 23 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को केस नंबर 64ए/96 में दोषी पाया था. जिसके बाद उन्हें सीधे बिरसा मुंडा जेल में भेज दिया गया था. चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा समेत 25 आरोपी थे. जिनमें से अदालत ने लालू सहित 16 को दोषी करार दिया था वहीं जगन्नाथ मिश्रा समेत 7 लोगों को बरी कर दिया था.