बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। लेकिन इस लिस्ट के जारी होते ही सियासत में भूचाल आ गया है। जी हां, उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद से ही पार्टी के भीतर एक अलग तरह की सियासत तेज हो गई है। कुछ में गुस्सा है […]
बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। लेकिन इस लिस्ट के जारी होते ही सियासत में भूचाल आ गया है। जी हां, उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद से ही पार्टी के भीतर एक अलग तरह की सियासत तेज हो गई है। कुछ में गुस्सा है तो कुछ सीधे दल बदलने की बात करने लगे हैं। यही नहीं, कुछ हताश हो रहे हैं और अन्य चुनावी वापसी पर दांव लगा रहे हैं। सब कुछ हो रहा है लेकिन बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ती जा रही है।
उडुपी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रघुपति भट को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा उनके साथ किए गए बर्ताव से वह आहत हैं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के फैसले से दुखी नहीं हूं, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने मेरे साथ व्यवहार किया उससे मैं बहुत आहत हूं।मीडिया से बात करते हुए वह जज़्बाती हो गए और उनकी आंखों में आंसू साफ छलक उठे। उन्होंने कहा कि जिला पार्टी इकाई के अध्यक्ष ने उन्हें पार्टी के फैसले के बारे में कुछ नहीं बताया और न ही उन्हें फोन किया। उन्हें टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इसके बारे में पता चला।
आपको बता दें, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर CM बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैं उन सभी लोगों से बात कर रहा हूं जो टिकट न मिलने से परेशान हैं। पार्टी उनका सम्मान करती है और उन्हें MLA बनाया। लक्ष्मण सावदी का मुझसे और पार्टी से खास नाता है। उन्होंने गुस्से में कुछ बातें कहीं। साथ ही कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा, मुझे लगता है कि हम 135-140 सीटें जीतेंगे और सरकार बनाएंगे।
इससे पहले पूर्व डिप्टी CM केएस ईश्वरप्पा ने मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा कि वह चुनावी राजनीति से हटना चाहते हैं और विधानसभा चुनाव में खुद को नहीं उतारने की बात कही थी। ईश्वरप्पा समर्थकों ने बुधवार को शिवमोग्गा में कई बैठकें कीं और पार्टी पर उनका संन्यास वापस लेने या उनके बेटे केई कंथेश को टिकट देने का दबाव बनाया।
जगदीश शेट्टार ने कहा कि मुझे पार्टी हाईकमान के फोन आया कि मैं दूसरों को चुनाव लड़ने का अवसर दूं। मैंने उनको बताया कि मैं भाजपा के लिए पिछले 30 साले से काम कर रहा हूं। मेरा परिवार जनसंघ के दौर से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ और बीजेपी से जुड़ा है। मैंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। मैं 6 बार विधायक चुना गया हूं। मैंने हाईकमान से पूछा कि मेरे चुनाव न लड़ने का क्या कारण है?
क्या सर्वे कहता है कि मैं चुनाव जीत नहीं पाऊंगा? मेरी हाईकमान से विनती है कि मुझे सातवीं बार चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे पहले बता दिया गया होता तो यह सम्मानजनक होता। मैं पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से आहत हूं। मैं किसी भी कीमत पर इस बार विधानसभा चुनाव लड़ूंगा।